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MP और उत्तराखंड में भी सपा-बसपा का गठबंधन, सीटों का ऐलान

उत्तराखंड की 5 सीटों में पौड़ी गढ़वाल सीट पर सपा लड़ेगी जबकि बाकी 4 सीटें बसपा के खाते में गई हैं. मध्य प्रदेश की जिन 3 सीटों पर सपा लड़ेगी, उनमें खजुराहो, टीकमगढ़ और बालाघाट शामिल है.

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मायावती और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
मायावती और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

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लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन के बाद दोनों दलों ने मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी साथ लड़ने का फैसला किया है. इस बाबत गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है. इसमें मध्य प्रदेश की 3 सीटों पर सपा लड़ेगी बाकी 26 सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी.

इसी तरह उत्तराखंड की 5 सीटों में पौड़ी गढ़वाल सीट पर सपा लड़ेगी जबकि बाकी 4 सीटें बसपा के खाते में गई हैं. मध्य प्रदेश की जिन 3 सीटों पर सपा लड़ेगी, उनमें खजुराहो, टीकमगढ़ और बालाघाट शामिल है. बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से जारी साझा बयान में यह जानकारी दी गई है.

हाल ही में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा ने कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ा था. इसमें सपा को एक जबकि बसपा को 2 सीटें मिली थीं. लेकिन नतीजे के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को बसपा ने समर्थन देने का फैसला किया था.

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यूपी में सीटों का बंटवारा

इससे पहले दोनों दलों ने उत्तर प्रदेश में साथ लड़ने का फैसला लिया था. इस गठबंधन में यूपी की 80 सीटों में से 75 सीटों पर दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा हुआ है. सपा इनमें से 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि 38 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार उतारेगी. यूपी की अन्य 5 सीटों में से 2 सीटें रायबरेली और अमेठी हैं, जिनपर इस गठबंधन ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. इन दोनों सीटों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी सांसद हैं.

माना जा रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन में यूपी की 3 सीटें अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी के लिए रखी गई हैं. इसके लिए जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात भी हुई है, हालांकि इस फैसले पर अभी मुहर नहीं लगी है.

अगर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो साल 2014 में दोनों दलों को यूपी से बाहर एक भी सीट नहीं मिली थी. सपा यूपी में 5 सीटें जीतने में सफल हुई थी जबकि बसपा का तो पूरे देश से सूपड़ा-साफ हो गया था और उसे एक भी लोकसभा सीट जीतने में सफलता हासिल नहीं हुई थी. लेकिन वोट शेयर के मामले में बसपा तीसरे सबसे बड़ी पार्टी थी.

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