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सुप्रीम कोर्ट में था मोदी की बायोपिक का मामला, इसलिए हम चुप थेः मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म पर कहना है कि कल तक यह मामला उच्चतम न्यायालय में था. सीबीएफसी ने भले ही इसे क्लियर किया हो. लेकिन जब यह मामला चुनाव आयोग के पास आया तो इस पर राय ली गई. इसके बाद इस पर रोक लगाई गई.

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(फाइल फोटो)
(फाइल फोटो)

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चुनाव आयोग ने मोदी की बायोपिक की रिलीज पर चुनाव तक रोक लगा दी. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का कहना है कि पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट में था. जब यह चुनाव आयोग के सामने आया तो इस पर फैसला लिया गया. उनसे बात की टीवीटीएन के कन्सल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने.

मुख्य चुनाव आयुक्त से पूछा गया कि चुनाव आयोग को लेकर कई विवाद हैं. अब जाकर चुनाव आयोग ने आदेश दिया है कि चुनाव तक मोदी की बायोपिक नहीं दिखाई जा सकती.

इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का कहना है कि कल तक यह मामला उच्चतम न्यायालय में था. सीबीएफसी ने भले ही इसे क्लियर किया हो. लेकिन जब यह मामला चुनाव आयोग के पास आया तो इस पर राय ली गई. इसके बाद इस पर रोक लगाई गई. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता इस पर चुनाव आयोग फैसला करे कि मोदी की बायोपिक चुनाव के दौरान रिलीज होनी चाहिए या नहीं.

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राजदीप सरदेसाई के यह पूछने पर कि क्या आपने फिल्म देखी है? मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि उन्होंने यह फिल्म नहीं देखी है. इस पर एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ट जज होंगे उनसे सुझाव लिया जाएगा.

यह पूछने पर कि नमो टीवी पर आपकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए जाते हैं. इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त का कहना था कि कोई भी संवैधानिक संस्था हर रोज हेडलाइन नहीं दे सकती. मीडिया का अधिकार है कि वह इस तरह की बात करे. हमारा काम हेडलाइन मैनेजमेंट का नहीं है. चुनाव के बाद लोग फैसला करेंगे कि चुनाव आयोग ने कितने निष्पक्ष तरीके से काम किया.

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