साउथ फ़िल्मों के सुपरस्टार और जनसेना पार्टी के अध्यक्ष पवन कल्याण और बीएसपी पार्टी के सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को गठबंधन का ऐलान किया. लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बीएसपी और जनसेना का गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है. दोनों दलों ने फैसला किया है कि आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में जनसेना और बीएसपी मिल कर एक साथ लड़ेंगे.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन सेना के अध्यक्ष और बीएसपी की अध्यक्ष में करीब ढाई घंटे लंबी बातचीत हुई. जिसके बाद गठबंधन का ऐलान किया गया.
मायावती ने कहा कि पवन कल्याण को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की जरूरत है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ-साथ असेंबली इलेक्शन भी होने वाले हैं और वहां के लोग बदलाव चाहते हैं. नए लोगों को सत्ता में आने की जरूरत है. जनसेना पार्टी और बीएसपी एक साथ मिलकर यह कर दिखाएंगी.
हालांकि कौन सी सीट से कौन लड़ेगा इसकी जानकारी उन्होंने दो-तीन दिन के अंदर सामने आने की बात कही. वहीं पवन कल्याण ने दक्षिण के राज्यों में हांथी की एंट्री पर खुशी जताते हुए कहा कि वो मायावती को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहेंगे.
पवन कल्याण का दल पहले ही राज्य में वामपंथी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना व्यक्त कर चुका है और अब उनके साथ हाथी भी है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती अप्रैल के 3 और 4 तारीख को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जन सेना के अध्यक्ष पवन कल्याण के साथ इलेक्शन रैली में भी हिस्सा लेंगी.
बता दें कि बीएसपी प्रमुख पहले ही उत्तर प्रदेश में सपा के साथ मिलकर लोकसभा के चुनाव लड़ने के ऐलान कर चुकी है. और उत्तर प्रदेश में बीएसपी और सपा भी साथ मिलकर कई रैलियां करेंगे. साल 1993 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब बीसपा-सपा के नेता साझा रैली करेंगे. इससे पहले 1993 में कांशीराम और मुलायम सिंह यादव ने साथ में रैलियां की थीं. उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव में दोनों नेता हर चरण में कम से कम दो-दो साझा रैलियां करेंगे.