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तेज बहादुर को भीम आर्मी का भी समर्थन, क्या बचा पाएंगे उम्मीदवारी?

चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव को नामांकन के दौरान गलत जानकारी देने पर BSF से NOC लाने को कहा है. इसके लिए तेज बहादुर को सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी गई है. चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि अगर BSF में जवान रहे तेज बहादुर यादव अगर तय समय के भीतर हलफनामा नहीं दाखिल करते हैं तो उनकी उम्मीदवारी खत्म हो जाएगी.

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बनारस से सपा के टिकट पर मैदान में तेज बहादुर यादव
बनारस से सपा के टिकट पर मैदान में तेज बहादुर यादव

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बनारस में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ गठबंधन प्रत्याशी तेज बहादुर यादव को अन्य दलों का भी समर्थन मिल रहा है. आम आदमी पार्टी के बाद अब भीम आर्मी ने भी तेज बहादुर का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है. लेकिन अभी भी यह अहम सवाल बना हुआ है कि क्या तेज बहादुर की उम्मीदवारी बची रह पाएगी? चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव को नामांकन के दौरान गलत जानकारी देने पर BSF की NOC लाने को कहा है. इसके लिए तेज बहादुर को सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी गई है. चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि अगर BSF में जवान रहे तेज बहादुर यादव अगर तय समय के भीतर हलफनामा नहीं दाखिल करते हैं तो उनकी उम्मीदवारी खत्म हो जाएगी.

शालिनी से लेकर टिकट तेज बहादुर को थमाया था

तेजबहादुर को सपा-बसपा गठबंधन ने सोमवार को ही अपना प्रत्याशी घोषित किया था. सपा ने शालिनी यादव को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वक्त की नजाकत समझते हुए सपा ने तेज बहादुर पर दांव लगाना ज्यादा सही समझा. तेज बहादुर पहले ही बनारस के सियासी मैदान में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोक चुके थे. इसके लिए उन्होंने 24 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था.

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एक झूठ बनी मुसीबत का सबब

उस दौरान तेज बहादुर यादव ने अपने शपथ पत्र में बताया था कि उन्हें भ्रष्टाचार के कारण नौकरी से बर्खास्त किया गया था. लेकिन 29 अप्रैल को दूसरी बार सपा का टिकट मिलने पर उन्होंने फिर से नामांकन किया, लेकिन इस बार उन्होंने कॉलम में 'नहीं' लिखा, जिसका अर्थ ये है कि उन्हें भ्रष्टाचार की वजह से नौकरी से नहीं निकला गया है. तेज बहादुर के इसी झूठ से उनकी उम्मीदवारी पर ही तलवार लटक गई है.

चंद्रशेखर का समर्थन कितना वोट दिलाएगी

उम्मीदवारी पर संकट के बीच भीम आर्मी ने तेज बहादुर यादव का समर्थन कर दिया है. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा है कि वे तेज बहादुर के पक्ष में प्रचार करेंगे. इससे पहले 17 अप्रैल को चंद्रशेखर ने बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव में खड़े होने का ऐलान किया था. चंद्रशेखर ने बताया कि वे तेज बहादुर यादव के पक्ष में प्रचार करने के लिए इसी सप्ताह के अंत तक बनारस जाएंगे.

दलितों का वोट दिलाने का दिया भरोसा

चंद्रशेखर ने कहा कि मैं उनके लिए प्रचार करूंगा, ना केवल इसलिए कि वह सपा-बसपा उम्मीदवार हैं बल्कि इसलिए कि हमारे दिल में सशस्त्र बलों के लिए बड़ा सम्मान है. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने वोटों के लिए सुरक्षाबलों की वीरता का दुरुपयोग किया. चंद्रशेखर ने कहा कि यादव देश के असली चौकीदार हैं और वह फर्जी चौकीदार को हराएंगे. दलित समुदाय हर संभव तरीके से उनका समर्थन करेगा.

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कौन हैं तेज बहादुर यादव

बीएसएफ जवान रहे तेज बहादुर यादव दो साल पहले एक वीडियो से सुर्खियों में आए थे. उन्होंने फौजियों को मिलने वाले खाने का एक वीडियो बनाया था जो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था. उन्होंने वीडियो में फौजियों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी बेहद खराब बताते हुए कई आरोप लगाए थे. उनके आरोपों से हड़कंप मच गया था. इस वीडियो के जरिए उन्होंने देशभर से सहानुभूति बटोरी थी. आनन-फानन में सेना ने जांच के आदेश दे दिए थे, जिसमें वे दोषी पाए गए और उन्हें बीएसएफ से निकाल दिया गया.

क्या 2014 में जीत के अंतर का रिकॉर्ड तोड़ेंगे मोदी

पीएम मोदी के सामने फिलहाल कोई भी उम्मीदवार मजबूत नहीं दिख रहा. कांग्रेस ने जहां 2014 के ही अपने प्रत्याशी अजय राय को मैदान में उतारा है. उन्हें महज 75,614 वोट हासिल हुए थे. उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी. दूसरे नंबर पर आप उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल थे जो 2,09,238 वोट हासिल करने में कामयाब हुए थे. पीएम मोदी को पिछली बार कुल 5,81,022 वोट मिले थे. ऐसे में अगर तेज बहादुर की उम्मीदवारी कायम रहती है तो ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार पीएम मोदी अपनी जीत 2014 से कितनी बड़ी कर पाते हैं.

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