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थुथुकुडी: पर्ल सिटी में एआईएडीएमके के लिए चुनौती पेश करेगा डीएमके

 पर्ल सिटी के रूप में मशहूर थुथुकुडी तमिलनाडु के बड़े शहरों में शुमार है. मानव विकास सूचकांक के मामले में यह तमिलनाडु का दूसरा सबसे विकसित क्षेत्र है.  यहां अन्ना यूनिवर्सिटी का कैंपस भी है. यहां मछली पकड़ना और पर्यटन मुख्य व्यवसाय है.

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AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA (फाइल फोटो)
AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA (फाइल फोटो)

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पर्ल सिटी के रूप में मशहूर थुथुकुडी तमिलनाडु के बड़े शहरों में शुमार है. मानव विकास सूचकांक के मामले में यह तमिलनाडु का दूसरा सबसे विकसित क्षेत्र है.  यहां अन्ना यूनिवर्सिटी का कैंपस भी है. यहां मछली पकड़ना और पर्यटन मुख्य व्यवसाय है. इस इलाके की राजनीतिक तासीर की बात की जाए तो तिरुचेंदूर लोकसभा सीट से काटकर 2008 में थुथुकुडी सीट बनाई गई थी. यह सामान्य सीट है. थुथुकुडी सीट से मौजूदा सांसद एआईएडीएमके के जयसिंह त्यागराज नटरजी हैं.

राजनैतिक पृष्ठभूमि

चूंकि, 2009 में थुथुकुडी सीट वजूद में आई थी, इस वजह से यहां अब तक दो बार लोकसभा चुनाव हुए हैं. 2009 में डीएमके के एसआर जयदुराई को यहां से जीत मिली थी. लेकिन 2014 के चुनाव में एआईएडीएमके के जयसिंह त्यागराज नटरजी ने यहां परचम लहराया था.

सामाजिक तानाबाना

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थुथुकुडी लोकसभा क्षेत्र में 1310406 मतदाता हैं. इस सीट की खास बात यह है कि यहां पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा हैं. यहां पुरुषों की संख्या 49.7 फीसदी है और महिलाएं 50.3 प्रतिशत हैं.

विधानसभा सीटों का समीकरण

तिरुचिरापल्ली लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें आती हैं. ये हैं- तिरुचेंदूर, श्रीवैकुंठम, तूतीकोरीन, ओट्टापिदरम, कोविलपट्टी और विलाथीकुलम.  इनमें से चार सीटें एआईएडीएमके के पास हैं तो दो पर डीएमके का कब्जा है.

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके के जयसिंह त्यागराज नटरजी को जीत मिली थी. उन्हें 366052 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर डीएमके के पी. जगन थे,  जिन्हें  242050 वोट मिले थे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

एआईएडीएमके के जयसिंह त्यागराज नटरजी 16 वीं लोकसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य हैं. पोस्ट ग्रैजुएशन तक शिक्षा ग्रहण कर चुके जयसिंह पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए हैं. जहां तक बात संसद में पी. कुमार के प्रदर्शन की है तो 13 फरवरी, 2019 तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा में उनकी उपस्थिति 81 फीसदी रही है. उन्होंने 22 बार चर्चा में हिस्सा लिया और इस दौरान 301 प्रश्न पूछे. उनकी सांसद निधि का 82 फीसदी हिस्सा विकास पर खर्च किया गया है. 

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