त्रिशूर लोकसभा सीट केरल की 20 सीटों में एक है. 1998 के बाद जितने चुनाव हुए उनमें कांग्रेस और सीपीआई (एम) यानी माकपा में टक्कर रही. यही दोनों दल बारी बारी से जीतते भी आए लेकिन इस बार माहौल कुछ बदला सा लग रहा है. बीजेपी ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है और गोपी सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि बीजेपी ने एनडीए के सहयोगी दल भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) के अध्यक्ष तुषार वेल्लापली को यहां से चुनाव लड़ाने की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. वेल्लापली के जरिये बीजेपी इझावा वोट साधने की जुगत में थी मगर अब ऐसा नहीं दिख रहा है.
त्रिशूर सीट पर कांग्रेस ने प्रथपन टीएन को उम्मीदवार बनाया है तो कम्युनिस्ट पार्टी ने थॉमस मैथ्यू को टिकट दिया है. बहुजन समाज पार्टी की ओर से निखिल चंद्रशेखरन उम्मीदवार है. इस निर्वाचन क्षेत्र से इस बार 3 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर तीसरे फेज में मतदान है और 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर बीजेपी को इसलिए फायदे की उम्मीद है क्योंकि सबरीमाला विरोध प्रदर्शन का असर सबसे ज्यादा असर इसी इलाके में हुआ था. सबरीमाला मंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए वोटों के ध्रुवीकरण के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है क्योंकि इससे बीजेपी के वोटों में इजाफा होने की संभावना है.
त्रिशूर ऐसी लोकसभा सीट है जहां से कई बड़े बड़े नेता मात खाते रहे हैं. इनमें कांग्रेस नेता के. करुणाकरन, के. मुरलीधरन और माकपा के वीवी राघवन के नाम शामिल हैं. यहां से सीपीआई के मौजूदा सांसद सीएन जयदेवन हैं जिन्होंने पिछले चुनाव में कांग्रेस के केपी धनापलन को 38,227 वोटों से हराया था. इस सीट पर 23 अप्रैल को मतदान है और वोटों की गिनती 23 मई को होगी.
चुनाव आयोग के 2014 के आंकड़ों के मुताबिक त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 920,667 है. पिछले चुनाव में 61 प्रतिशत वोटिंग हुई थी जिसके लिए 1,094 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. इस सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या 4,86,303 है.
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