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तुमकुर लोकसभा सीटः कांग्रेस ने देवगौड़ा को सौंपा अपना गढ़, भरोसा कायम रखने की चुनौती

तुमकुर लोकसभा सीट खासतौर से कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन बीते तीन दशकों में बीजेपी ने इस सीट पर 4 बार जीत दर्ज की है. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है और यहां से एस.पी. मुदाहनुमेगौड़ा सांसद हैं. लेकिन इस बार गठबंधन के समझौते के तहत कांग्रेस समर्थित जेडीएस उम्मीदवार के दौर पर देवगौड़ा मैदान में हैं.

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Tumkur lok sabha
Tumkur lok sabha

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कर्नाटक में इस बार लोकसभा चुनाव में तुमकुर सीट सुर्खियों में बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा का तुमकुर से चुनाव मैदान में उतरना है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार जीएस बसवाराज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी, भाकपा, अंबेडकर समाज पार्टी के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं.

तुमकुर लोकसभा सीट खासतौर से कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन बीते तीन दशकों में बीजेपी ने इस सीट पर 4 बार जीत दर्ज की है. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है और यहां से एस.पी. मुदाहनुमेगौड़ा सांसद हैं. लेकिन इस बार गठबंधन के समझौते के तहत कांग्रेस समर्थित जेडीएस उम्मीदवार के दौर पर देवगौड़ा मैदान में हैं.

तुमकुर लोकसभा सीट पहले मैसूर स्टेट का हिस्सा थी, लेकिन 1977 के बाद इसे कर्नाटक में शामिल कर लिया गया. इस सीट पर हुए कुल 16 लोकसभा चुनावों में 10 बार कांग्रेस को जीत मिली है जबकि 4 बार बीजेपी ने तुमकुर सीट पर कब्जा किया है. प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और जनता दल ने भी एक-एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. साल 1991 में पहली बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी और तब एस. मल्लिकार्जुन यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद कांग्रेस ने लगातार तुमकुर सीट पर बीजेपी को टक्कर दी. इस बीच 1996 में जनता दल को भी यहां से जीत मिली. साल 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगातार इस सीट पर जीत मिली थी लेकिन 2014 के चुनाव में फिर से कांग्रेस तुमकुर सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही.

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देवगौड़ा ने ली राहत की सांस

जेडीएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा को तब बड़ी राहत मिली जब तुमकुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के मौजूदा सांसद मुद्दाहनुमेगौड़ा चुनाव मैदान से हट गए. देवगौड़ा तुमकुर लोकसभा सीट से कांग्रेस- जेडीएस सत्तारूढ़ गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं.

राज्य में गठबंधन के तहत तुमकुर सीट जेडीएस को दी गई है, लेकिन मुद्दाहनुमेगौड़ा इसे अस्वीकार करते हुए चुनाव मैदान में उतर गए. टिकट नहीं मिलने से नाराज मुद्दाहनुमेगौड़ा ने पार्टी उम्मीवार और निर्दलीय दोनों तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था, लेकिन अंत में पार्टी नेतृत्व की बात मानकर चुनाव मैदान से हट गए. पार्टी नेतृत्व ने मुद्दाहनुमेगौड़ा को मनाने के कई प्रयास किए. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कर्नाटक के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी मामले में हस्तक्षेप किया.

मुद्दाहनुमेगौड़ा ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान के समझाने-बुझाने के बाद उन्होंने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है. उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने स्वयं मुझसे बात की (गुरुवार सुबह), के सी वेणुगोपाल ने मुझसे कई बार बात की, उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दारमैया ने मुझे मनाने की कोशिश की और कहा कि बागी के तौर पर मेरे नामांकन पत्र दाखिल करने की वजह से गठबंधन दांव पर है. मेरे समर्थक नामांकन पत्र वापस लेने के निर्णय पर राजी नहीं थे, पर मुझे ऐसा करना पड़ा क्योंकि मैं दोनों दलों के बीच कुछ भी गलत होने की वजह नहीं बनना चाहता था.

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गौरतलब है कि कर्नाटक में लोकसभा चुनाव दो चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण का मतदान 18 अप्रैल और दूसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल को होगा. पहले चरण के लिए 241 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. कर्नाटक लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं. 2014 में यहां पर एक चरण में मतदान संपन्न कराया गया था.

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