उत्तर भारत के बाद अब दक्षिण भारत की लड़ाई भी दिलचस्प होती जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार अमेठी के साथ-साथ केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे. तो भारतीय जनता पार्टी ने भी उन्हें घेरने की तैयारी की है. NDA की ओर से भारत धर्म जन सेना (BDJS) के प्रमुख तुषार वेल्लापल्ली राहुल के खिलाफ ताल ठोकेंगे. वह मंगलवार को ही नामांकन दाखिल करेंगे.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को ऐलान किया कि तुषार वेल्लापल्ली एनडीए की ओर से संयुक्त उम्मीदवार होंगे. बता दें कि तुषार वेल्लापल्ली ने अपनी इस पार्टी की शुरुआत साल 2016 में की थी, उन्होंने विधानसभा चुनावों में भी अपनी किस्मत आजमाई थी. हालांकि, उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिल पाई थी.
तुषार वेल्लापल्ली की BDJS केरल के मशहूर धार्मिक संगठन श्रीनारायण धर्म परिपालन योगम (SNDP) का ही एक राजनीतिक संगठन है. इस समूह के अतंर्गत इझावा समुदाय का प्रतिनिधित्व होता है. केरल में इस समुदाय की 20 फीसदी जनसंख्या है, भाजपा की इन्हीं पर नजर है. बता दें कि तुषार वेल्लापल्ली के पिता वेल्लापल्ली नेदाशन SNDP के जनरल सेक्रेटरी हैं.
जमीनी स्तर पर देखा जाए तो वायनाड में इझावा समुदाय के लोगों की अच्छी खासी संख्या है और हर चुनाव में इस समुदाय का असर भी दिखाई देता है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो तुषार वेलापल्ली लोकल हैं और वायनाड में अच्छी पकड़ रखते हैं और उन्हें उनके समुदाय का भी फायदा मिल सकता है. ऐसे में राहुल को वो कड़ी चुनौती दे सकते हैं.
I proudly announce Shri Thushar Vellappally, President of Bharat Dharma Jana Sena as NDA candidate from Wayanad.
A vibrant and dynamic youth leader, he represents our commitment towards development and social justice. With him, NDA will emerge as Kerala's political alternative.
— Chowkidar Amit Shah (@AmitShah) April 1, 2019
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बार वायनाड से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वायनाड कांग्रेस का गढ़ रहा है, ऐसे में राहुल गांधी के लिए यहां से जीत करना बड़ी चुनौती नहीं होगा. कांग्रेस की कोशिश है कि राहुल गांधी के दक्षिण से चुनाव लड़ा वह तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक की सीटों को साध सके.
वायनाड सीट के बारे में...
बता दें कि वायनाड सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई. यहां 2009 में कांग्रेस के एमआई शनावास ने जीत हासिल की थी. उन्होंने सीपीआई के उम्मीदवार को सीधी मात दी थी. 2014 में भी उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की थी.