दिल्ली की उत्तर पश्चिम सीट पर मौजूदा बीजेपी सांसद उदित राज ने पार्टी को खुली धमकी दे दी है. इस बार टिकट कटने के अंदेशे पर उदित राज ने बगावती सुर छेड़ दिया है. उन्होंने दो टूक कह दिया है कि अगर बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो वे पार्टी छोड़ देंगे. इसके साथ ही वे आज ही नामांकन फॉर्म भरेंगे. उन्होंने कहा कि मैं किस पार्टी में जाऊंगा, इसका खुलासा बाद में करूंगा.
आज तक से बातचीत में उदित राज ने कहा कि पार्टी मुझे छोड़ रही है. देशभर में मेरा संगठन है, मैं दलित चेहरा हूं. कल अरविंद केजरीवाल से मेरी फोन पर बातचीत हुई. उन्होंने मुझे पहले ही आगाह करते हुए बता दिया था कि बीजेपी मुझे टिकट नहीं देगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी एक बार संसद में कहा था कि आप गलत पार्टी में हैं.
उन्होंने कहा कि मैं किस पार्टी में जाऊंगा, इसका बाद में खुलासा करूंगा. अभी मैंने अपने समर्थकों को बुलाया है. मैं पार्टी की घोषणा का इंतज़ार कर रहा हूं. उदित राज ने कहा कि मैंने नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा से संपर्क किया था. अब मैं नामांकन का इंतजार कर रहा हूं.I am waiting for ticket if not given to me I will do good bye to party
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) April 23, 2019
गौरतलब है कि बीजेपी ने दिल्ली की छह सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस सीट पर नामांकन की आज आखिरी तारीख है. यहां से मौजूदा सांसद उदित राज की परेशानी का सबब यही है. उनके टिकट कटने की चर्चाएं तेज हैं.
अपना टिकट कटने की आशंका के चलते ही उदित राज ने अपनी पार्टी से उम्मीदवारी को लेकर संशय समाप्त करने को कहा था. पार्टी की ओर से कोई संकेत न मिलने पर उदित रज ने साफ कर दिया है कि वह आज ही नामांकन करेंगे. अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह बीजेपी को अलविदा कह देंगे.
अपनी इंडियन जस्टिस पार्टी का बीजेपी में विलय करने वाले उदित राज का राजनीतिक जीवन काफी दिलचस्प रहा है. उत्तर प्रदेश के रामनगर में जन्मे उदित राज ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्थित JNU से पढ़ाई पूरी की है. अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के अधिकारों को लेकर सक्रिय रहने वाले उदित राज कॉलेज के समय से ही मुखर रहे हैं.
उदित राज 1988 में भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुने गए और दिल्ली में आयकर विभाग में उपायुक्त, संयुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त के पदों पर अपनी सेवाएं दीं. हिंदू धर्म की जाति व्यवस्था के आलोचक उदित राज ने 2001 में बौद्ध धर्म स्वीकार किया था. अपनी राजनीतिक सोच को मूर्त रूप देने के लिए 24 नवंबर 2003 को सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर उन्होंने इंडियन जस्टिस पार्टी का गठन किया था.