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Uluberia Election Result: टीएमसी के साजदा अहमद ने बीजेपी के बनर्जी को हराया

Lok Sabha Chunav Uluberia Result 2019 पश्चिम बंगाल की उलुबेरिया सीट पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 6 मई को वोट डाले गए और 81.16 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. उलुबेरिया लोकसभा सीट से कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे.

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Uluberia Lok sabha Election Result 2019
Uluberia Lok sabha Election Result 2019

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17वीं लोकसभा चुनाव के तहत पश्चिम बंगाल की उलुबेरिया संसदीय सीट से टीएमसी उम्मीदवार साजदा अहमद को जीत मिली है. अहमद ने बीजेपी उम्‍मीदवार जॉय बनर्जी को 2 लाख 15 हजार 359 वोट से हराया है. टीएमसी उम्मीदवार साजदा अहमद को 694617 वोट जबकि बीजेपी उम्मीदवार जॉय बनर्जी को 479016 वोट मिले. वहीं सीपीएम उम्मीदवार मकसूदा खातून को 81314 वोट जबकि कांग्रेस उम्मीदवार शोमा रानीश्री रॉय को 27555 वोट मिले. इस सीट पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 6 मई को वोटिंग हुई थी.

सीट की स्थिति

कब और कितनी वोटिंग

उलुबेरिया लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 6 मई को वोट डाले गए. मतदान को लेकर यहां लोगों में खासा उत्साह दिखा. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक उलुबेरिया में लोगों ने जमकर वोटिंग की. उलुबेरिया के कुल 16 लाख 14 हजार 039 मतदाओं में से 13 लाख 09 हजार 966 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. जिससे यहां पर 81.16 फीसदी बम्पर वोटिंग दर्ज की गई.

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कौन-कौन उम्मीदवार

इस सीट पर 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. बीजेपी से जॉय बनर्जी, माकपा से मकसूदा खातून, तृणमूल कांग्रेस से सजदा अहमद, कांग्रेस से शोमा रानीश्री रॉय, राष्ट्रीय जनाधिकार सुरक्षा पार्टी से अलीमुद्दीन नजीर, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) से मिनाती सरकार और इंडियन यूनिटी सेंटर से सिमल सरेन चुनाव मैदान में उतरे. वहीं 3 निर्दलीय प्रत्याशी भी किस्मत आजमा रहे थे.

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साल 2014 का चुनाव

साल 2014 के आम चुनाव में उलुबेरिया संसदीय सीट पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा किया था. टीएमसी प्रत्याशी सुल्तान अहमद यहां से चुनाव लड़े और सांसद बने. उन्होंने सीपीएम प्रत्याशी सबीर उद्दीन को हराया था. तब सुल्तान अहमद को 5 लाख 70 हजार 785 वोट जबकि उनके प्रतिद्वंदी सबीर उद्दीन को 3 लाख 69 हजार 563 वोट मिले थे.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

उलुबेरिया संसदीय क्षेत्र साल 1952 में अस्तित्व में आया. यह ऐसी संसदीय सीट है जिस पर कम्युनिस्टों ने बहुत पहले ही धमक दे दी थी. साल 1957 के चुनाव में यहां से फॉरवर्ड ब्लॉक ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी, जबकि पूरे देश में कांग्रेस के सांसद जीत रहे थे. यह संसदीय क्षेत्र हावड़ा जिले में आता है.

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साल 1952 में यहां से इंडियन नेशनल कांग्रेस के सत्यबान राय विजयी हुए थे. साल 1957 में एफबीएम फॉरवर्ड ब्लॉक (Marxist) के एम के अरबिंदा घोषाल विजयी हुए. साल 1962 में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा कर लिया और पुनेंदु खान यहां से सांसद चुने गए. साल 1967 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के जे के मंडल को सफलता मिली लेकिन साल 1971 आते-आते सीपीएम ने यहां पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली.

साल 1971 में यहां से सीपीएम के प्रसाद भट्टाचार्य चुनाव जीते. साल 1977 में भी श्यामा प्रसन्ना भट्टाचार्य को सफलता मिली. साल 1980 में भी सीपीएम के हन्नान मोल्लाह को यहां से सफलता मिली और साल 1984, 1989, 1991, 1996, 1998 1999, 2000 तक साल 2004 तक सीपीएम के हन्नान मोल्लाह ने इस सीट पर कब्जा बनाए रखा लेकिन एक परिवर्तन आ चुका था कि पहले उनकी लड़ाई इंडियन नेशनल कांग्रेस से होती थी लेकिन साल 1999 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस मुकाबले में आ गई. साल 2004 में भी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी.

साल 2009 में बाजी पलट गई और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के अहमद सुल्तान ने कई बार से सांसद रहे हन्नान मोल्लाह को पराजित कर दिया. हन्नान मोल्लाह साल 1980 से साल 2004 तक लगातार सांसद रहे थे और उन्हें सीपीएम का कद्दावर नेता माना जाता था. सांसद सुल्तान अहमद का दिल का दौरा पड़ने से 4 सितंबर 2017 को निधन हो गया था. इसके बाद यहां पर उप चुनाव कराया गया. टीएमसी ने उनकी पत्नी सजदा अहमद को यहां से खड़ा किया. सजदा अहमद ने बीजेपी के अनुपम मलिक को 4 लाख 74 हजार 023 वोटों से हराया.

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सामाजिक ताना-बाना

उलबेरिया संसदीय क्षेत्र हावड़ा जिले में आता है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 20 लाख 51 हजार 790 है. यहां की आबादी में 69.55 फीसदी शहरी और 30.45 पर्सेंट ग्रामीण लोग हैं. यहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत क्रमश:  19.63  और .15 फीसदी है. साल 2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां वोटर्स की संख्या 15 लाख 40 हजार 916 है. यहां की आधिकारिक भाषा बांग्ला है. अंग्रेजी और उर्दू भी बोली जाती है.

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