17वीं लोकसभा चुनाव के तहत उत्तर प्रदेश की उन्नाव सीट से बीजेपी प्रत्याशी साक्षी महाराज ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी गठबंधन उम्मीदवार सपा के अरुण शंकर शुक्ला को चार लाख 956 मतों से हरा दिया है. इस सीट पर सपा, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला.
कब और कितनी हुई वोटिंग
उन्नाव सीट पर वोटिंग चौथे चरण में 29 अप्रैल को हुई थी, इस सीट पर 56.47 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इस सीट पर कुल 2188558 मतदाता हैं, जिसमें से 1235772 मतदाताओं ने अपने वोट डाले हैं.
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कौन-कौन प्रमुख उम्मीदवार
सामान्य वर्ग वाली इस सीट पर यूं तो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी साक्षी महाराज चुनाव लड़े, जिनका मुख्य मुकाबला सपा के अरुण शंकर शुक्ला और कांग्रेस की अन्नू टंडन से था. इस सीट पर कुल 9 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे.
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2014 का चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में उन्नाव सीट पर 55.52 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें बीजेपी प्रत्याशी साक्षी महाराज 43.17 फीसदी (5,18,834) वोट मिले थे और और उनके निकटतम सपा प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला 17.36 फीसदी (2,08,661) मिले थे. इसके अलावा बसपा की बृजेश पाठक को 16.66 फीसदी (2,00,176) वोट मिले थे. इस सीट पर बीजेपी के साक्षी महाराज ने 3,10,173 मतों से जीत दर्ज की थी.
उन्नाव का इतिहास
उन्नाव लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के विश्वंभर दयाल त्रिपाठी जीतने में सफल रहे थे. कांग्रेस 1971 तक लगातार 6 बार जीतने के बाद 1977 में जनता पार्टी के हाथों मात खा गई. जनता पार्टी के राघवेंद्र सिंह जीतकर संसद पहुंचे. हालांकि 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर वापसी की और 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में भी यह सीट अपने नाम करने में कामयाब रही.
हालांकि 1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल ने अनवर अहमद को उतारकर कांग्रेस से यह सीट छीन ली. 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन जब अपने उफान पर था तो बीजेपी ने 1991 में पहली बार इस सीट पर खाता खोला और देवीबक्श सिंह सांसद बने. देवीबक्श ने इसके बाद 1996 और 1998 में भी चुनाव जीत कर जीत की हैट्रिक लगा दी. 1999 के लोकसभा चुनाव में सपा ने दीपक कुमार को उतारकर बीजेपी के विजय रथ को रोका तो 2004 में बसपा ने बृजेश पाठक को उतारा वो जीतने में कामयाब हो गए. इसके बाद कांग्रेस ने 2009 में अनु टंडन के जरिए एक बार फिर वापसी की, लेकिन 2014 में मोदी लहर में बीजेपी ने साक्षी महाराज को उतारकर जीत अपने नाम की.
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