समाजावदी पार्टी और बहुजन समाजपार्टी के गठबंधन के बाद दोनों पार्टियों के नेताओं पर दूसरे दलों की नजर लगी हुई है. इस कड़ी में सपा-कांग्रेस के संयुक्त कोटे से राज्यसभा सदस्य रहे मोहम्मद अदीब ने कुछ मुस्लिम नेताओं के साथ शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. अदीब की पहचान मुस्लिम चेहरे को तौर पर रही है.
अदीब के साथ मुस्लिम बुद्धिजीवी, समाजसेवी और कई मुस्लिम उलेमाओं ने भी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. बहराइच की चर्चित दरगाह किछौंछा शरीफ के प्रमुख चेहरे भी साथ थे. इनमें सैय्यद मकसूद अशरफ और सुप्रीम कोर्ट के वकील असगर खान सहित कई बड़े मुस्लिम नाम शामिल हैं.
मोहम्मद अदीब राज्यसभा के सदस्य से पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. माना जा रहा है कि वो पश्चिम यूपी के किसी मुस्लिम बहुल सीट से चुनावी मैदान में प्रगतिशील समाजावदी पार्टी से किस्मत आजमा सकते हैं.
मो. अदीब के शिवपाल के साथ जाने पार सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि वो सपा के सदस्य नहीं थे, ऐसे में उनके जाने और न जाने से समाजवादी पार्टी को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होने वाला है. लोकतंत्र में हर किसी को आजादी है कि वो किसी भी पार्टी में रहे.
सपा प्रवक्ता जामेई ने कहा कि इस बार सपा-बसपा मिलकर संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं. ऐसे में मुस्लिम ही नहीं बल्कि दलित, पिछड़े, किसान, नौजवान और सेक्युलर सोच रखने वाले हर शख्स को कोई संदेह नहीं रह गया है. प्रदेश के लोगों ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का मन बना लिया है, ऐसे में किसी के कहीं आने और जाने से लोगों के विचार बदलने वाले नहीं हैं.