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RLD ने पांच सीटों की रखी डिमांड, सपा-बसपा तीन सीटें देने पर राजी

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में आरएलडी ने शामिल होने के लिए पांच लोकसभा सीटों की मांग रखी है. जबकि सपा-बसपा आरएलडी के लिए बागपत, और मथुरा सीट छोड़ने के लिए तैयार है.ऐसे में अगर आरएलडी की मांगे पूरी नहीं होती है तो दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकती है.

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जयंत चौधरी और अखिलेश यादव
जयंत चौधरी और अखिलेश यादव

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लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी को मात देने के लिए सपा-बसपा के बीच गठबंधन की कवायद चल रही है. चौधरी अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने इस गठबंधन में हिस्सा बनने के लिए पांच सीटों की मांग कर रही है. इस संबंध में अजित सिंह के बेटे और RLD उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने मंगलवार को अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी.

यूपी के महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कोई फॉर्मूला समाने नहीं नहीं है. लेकिन आरएलडी के लिए सपा-बसपा महज दो से तीन सीटें देना चाहती है. हालांकि इस फॉर्मूले पर आरएलडी राजी नहीं है. जबकि जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि हम अभी सीट-बंटवारे के फार्मूले के बारे में बहुत चिंतित नहीं हैं.

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आरएलडी उपाध्यक्ष ने कहा, 'अखिलेश के साथ राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई, आगे क्या होना चाहिए इस पर भी चर्चा हुई.' उनसे पूछा गया कि क्या गठबंधन में रालोद को मिलने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई इस सवाल को उन्होंने टालते हुए कहा 'सीटों की बेचैनी मीडिया को है, सारी बाते साफ होंगी, सस्पेंस बनाएं रखे.' लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन के सवाल को वह टाल गए.

हालांकि सूत्रों की मानें तो जयंत चौधरी ने सपा अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान महागठबंधन में शामिल होने के लिए पांच लोकसभा सीटों की मांग रखी है. आरएलडी सूबे की मथुरा, बागपत, मुजफ्फरनगर, अमरोहा और कैराना लोकसभा सीट मांग रही है, जबकि सपा-बसपा आरएलडी के लिए बागपत और मथुरा सीट छोड़ने के लिए तैयार है.

दरअसल आरएलडी जिन पांच सीटों पर दावा कर रही है. इन सीटों पर जाट मतदाता अच्छे खासे हैं. कैराना सीट पर हुए उपचुनाव में आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम हसन को सपा और कांग्रेस ने समर्थन देकर चुनाव लड़ाया और जीत हासिल हुई थी. अब इस सीट पर सपा दावा कर रही है. इसी के चलते पेंच फसा हुआ है.

दरअसल शुक्रवार को अखिलेश यादव और मायावती के बीच बैठक हुई थी. इस दौरान सूबे में सपा-बसपा गठबंधन और सीट के फॉर्मूला तय किया गया है. बसपा 36 और सपा 35, आरएलडी 3 और चार सीटों को रोका गया है ताकि क्षेत्रीय दलों को समायोजित किया जा सके. सपा-बसपा ने कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है.

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