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MOTN: पश्चिम भारत में यूपीए को होगा फायदा, लेकिन एनडीए रहेगा आगे

साल 2014 के चुनाव मे पश्चिम भारत में यूपीए को धराशाई करने वाले गठबंधन एनडीए को सर्वे के मुताबिक इस बार नुकसान होने का अनुमान है, लेकिन इसके बावजूद केंद्र में सत्ताधारी एनडीए को बढ़त रहेगी.

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो-पीटीआई)
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो-पीटीआई)

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देश में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम और उत्तर भारत की निर्णायक बढ़त के जरिए केंद्र में भारी बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी एक बार फिर अपना प्रदर्शन दोहराने का दावा कर रही है, तो वहीं बदले सियासी समीकरण में कांग्रेस भी यूपीए के सहयोगियों के साथ बाजी पलटने की फिराक में है. जबकि इन दो बड़े खेमों के अलावा एक तीसरा कोण भी है जो इस दोनों के खिलाफ खड़ा होता दिख रहा है. इंडिया टुडे-आजतक द्वारा कार्वी इनसाट्स के साथ किए गए सर्वे के मुताबिक पश्चिम भारत में एक बार फिर एनडीए का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है, जबकि यूपीए के प्रदर्शन में भी सुधार की गुंजाइश दिखती है.

पश्चिम भारत यानी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अनुमानित वोट शेयर देखें तो यहां केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए, यूपीए को पीछे छोड़ता नजर आ रहा है. पश्चिम भारत के इन 4 राज्यों के वोट शेयर में एनडीए को 46 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. जबकि यूपीए महज 4 फीसदी से पिछड़ रहा है, यानी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए को 42 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. वहीं तीसरे धड़े को 12 फीसदी वोचट मिलने के अनुमान है.

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पश्चिम भारत में तीनों खेमों को मिलने वाले वोट शेयर को अगर सीटों में तब्दील किया जाए तो 2019 में एनडीए तो 76 सीटें मिल सकती हैं. जबकि एनडीए से वोट शेयर के मामले में 4 फीसदी से पिछड़ने वाली यूपीए को एनडीए से 36 सीटें कम यानी 40 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं अन्य दलों को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रहीं. 

 

आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम भारत के इन राज्यों की 116 सीटों में से एनडीए के खाते में 106 सीटें आईं थी. जबकि यूपीए को महज 10 सीटों से संतोष करना पड़ा था. इस लिहाज से सर्वे के अनुमान के मुताबिक एनडीए को 30 सीटों का घाटा होता दिख रहा है, जबकि यूपीए को 30 सीटों का मुनाफा होने का अनुमान है.

यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए में जो दल शामिल हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), ऑल इंडिया एन रंगास्वामी कांग्रेस, अपना दल, बोडो पीपुल्स फ्रंट, डीएमडीए, जनता दल यूनाइटेड, एलजेपी, नागा पीपुल्स फ्रंट, पीएमके, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आरपीआई(ए), शिरोमणि अकाली दल, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, शिवसेना

इसी तरह यूपीए में कांग्रेस के अलावा डीएमके, जनता दल सेक्युलर, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेएमएम, केरल कांग्रेस (मणि), आईयूएमएल, एनसीपी, आरजेडी, आरएलडी, टीडीपी शामिल हैं.

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अन्य दलों में आम आदमी पार्टी, असम गण परिषद, अन्नाद्रमुक, फॉरवर्ड ब्लॉक, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीजू जनता दल, सीपीआई, सीपीआई-एम, इनेलो, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, केरल कांग्रेस(जोसेफ), एमएनएस, एनएलपी, आरएसपी, टीआरएस, वायएसआर कांग्रेस, इंडिपेंडेंट्स, सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन शामिल है.

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