आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश मे सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. सपा-बसपा के गठबंधन के ऐलान के बाद से उत्तर प्रदेश में बीजेपी की राह मुश्किल नजर आ रही है. गठबंधन के ऐलान को लेकर पीएम मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ बयान दे चुके हैं. अब इस पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने पार्टी की तरफ से मोर्चा संभाला है. दिनेश शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी को इस गठबंधन से कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है. बीजेपी सबका साथ और सबका विकास के रास्ते पर आगे चल रही है और जनता इनके दुष्प्रचार का जवाब देगी.
दिनेश शर्मा ने बसपा सुप्रीमो मायावती को इशारों मे 'जीवित देवी' बताते हुए कहा कि यहां पर एक नेता ऐसी है जो कहती है कि मै जिंदा देवी हूं, मेरा पूजा करो मुझपर चढ़ावा चढ़ाओ. यूपी के उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बाकी सरकारों के मुकाबले बीजेपी सरकार ने दलित, गरीबों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों के लिए बहुत काम की है. उन पार्टिंयों ने इन सभी लोगों की उपेक्षा की है जिनके ये लोग नेता कहलाते हैं.
सपा-बसपा गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि ये गठबंधन इसलिए किया गया कि दोनों पार्टियां मिलकर कुछ सीटें जीत जाएं. यह चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ बाद भी मिल जाएंगी. उन्होंने जनता से इस बारे में सावधान रहने की भी बात कही.
प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदल रहा है तो बीजेपी ने भी अपना सुर बदल लिया है. आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के किसी पार्टी के साथ गठबंधन के नाम पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए मौजूदा सहयोगियों के साथ-साथ उन सभी लोगों के लिए दरवाजे खुले हैं जो बीजेपी की नीति पर यकीन करते हैं.
साफ है चुनाव नजदीक आने के साथ-साथ सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने तरकश से तीर निकालने शुरू कर दिए हैं ताकि आने वाले लोकसभा चुनावों में किला फतह करने मे कोई कसर ना रह जाए.
बता दें कि शनिवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अपनी 23 साल की दुश्मनी भुलाकर साथ आने का ऐलान किया था. लोकसभा चुनाव में मोदी को मात देने के लिए दोनों पार्टियां यूपी में मिलकर चुनाव लड़ेंगी. दोनों ही पार्टियां 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. वहीं अमेठी और रायबरेली में गठबंधन अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा. बता दें कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं. वहीं 2 सीटें राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी गईं हैं.