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सपा-बसपा गठबंधन में मिल सकती है कांग्रेस को जगह, नए फॉर्मूले पर चर्चा

सपा- बसपा के अंदरखाने इस बात की चर्चा है कि अब भी कांग्रेस को लेकर गुंजाइश बन सकती है. माना जा रहा है कि कांग्रेस, दोनों दलों को बाकी राज्यों में अपने कोटे से सीट देगी.

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राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

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सपा-बसपा और कांग्रेस के बीच बातचीत अभी जारी है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भले ही अपने उम्मीदवारों की शुरुआती लिस्ट जारी कर दी हो, लेकिन पार्टी में अंदरखाने इस बात की चर्चा है कि अब भी कांग्रेस को लेकर गुंजाइश बन सकती है.

फॉर्मूले के तहत सपा और बसपा को कांग्रेस दूसरे राज्यों में जितनी सीटें देगी, इतनी सीटें उत्तर प्रदेश में यह दोनों दल कांग्रेस के लिए छोड़ सकते हैं. माना जा रहा है कि करीब दर्जनभर सीटों पर सहमति बनाने की कोशिश चल रही है. दोनों दलों के पास करीब दर्जनभर ऐसी सीटें हैं, जहां कांग्रेस मजबूत है और अगर त्रिकोणीय संघर्ष होता है तो सपा-बसपा के लिए भी इन सीटों पर जीतना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में कांग्रेस की एक और कोशिश है कि इन दोनों दलों के साथ हर हाल में गठबंधन में जाया जाए.

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इन राज्यों में सपा-बसपा को सीट दे सकती है कांग्रेस

कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, बरेली, बाराबंकी, कुशीनगर, प्रतापगढ़, वाराणसी, धौरहरा जैसी सीटें कांग्रेस के लिए मुफीद हैं. ऐसी ही कुछ और सीटें निकाल कर अगर गठबंधन की बात बनती है तो बनाई जा सकती है. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी को कांग्रेस महाराष्ट्र में अपने गठबंधन में सीटें देने को तैयार है, जबकि बीएसपी के लिए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सीटें देने की कोशिश चल रही है.

maya-with-akhilesh_030919081107.jpgमायावती के साथ अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

कांग्रेस से गठबंधन के लिए मायावती भी हो सकती हैं तैयार

किस्तों में सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान होना, प्रियंका गांधी का बार-बार उत्तर प्रदेश का दौरा टलना, कांग्रेस का सिर्फ अपनी मजबूत सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान करना, इस बात की ओर इशारा करता है कि अंदरखाने अभी काफी कुछ चल रहा है. माना जा रहा है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती कांग्रेस के साथ गठबंधन को बिल्कुल तैयार नहीं हैं, लेकिन बसपा सूत्रों की मानें तो हालात बदल रहे हैं और अगर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरीखे राज्य में बीएसपी को कांग्रेस सीटें देती है तो शायद मायावती गठबंधन के लिए तैयार हो जाएं.

एयरस्ट्राइक के बाद बिगड़े समीकरण

पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक के बाद बदले हुए हालात और लगातार बढ़ते मोदी के ग्राफ से यह चर्चा और जोर पकड़ रही है कि अगर तीनों दल एक साथ नहीं आए, तो फिर नुकसान हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने दिल्ली में हुए अपने पिछले प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाते- जाते बातचीत जारी रहने के इशारे किए थे.

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