चुनाव में कैश फॉर वोट का मामला नया नहीं है, लेकिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार कैश मिलने की वजह से कोई लोकसभा चुनाव रद्द किया गया है. करीब 11 करोड़ रुपये कैश बरामद होने के बाद तमिलनाडु के वेल्लोर सीट पर चुनाव रद्द हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश पर मंगलवार रात इसका ऐलान किया. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद से सियासत शुरू हो गई है.
वेल्लोर सीट से डीएमके के कोषाध्यक्ष दुरईमुर्गन के बेटे डीएम कथिर आनंद डीएमके प्रत्याशी हैं. चुनाव आयोग के इस फैसले को दुरईमुर्गन ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को डराने के लिए यह कदम उठाया गया है. बता दें, डीएमके प्रत्याशी पर कैश फॉर वोट का आरोप लगा है. इसके बाद ही चुनाव आयोग ने 14 अप्रैल को चुनाव रद्द करने की सिफारिश की थी.
क्यों रद्द हुआ वेल्लोर सीट पर चुनाव
दरअसल, स्थानीय प्रशासन की शिकायत पर आयकर विभाग की टीम ने डीएमके कोषाध्यक्ष दुरीमुर्गन के घर पर 30 मार्च को छापेमारी की. इसके एक दिन बाद 1 अप्रैल को डीएमके के ही पार्टी पदाधिकारी के सीमेंट गोदाम पर छापेमारी की. आयकर विभाग ने यहां से 11 करोड़ रुपए की नगदी बरामद की. 8 अप्रैल को चुनाव आयोग ने डीएमके प्रत्याशी कथिर आनंद और उनके दो करीबियों पूनजोलई श्रीनिवासन और दामोदरन के खिलाफ मामला दर्ज कराया. बताया जा रहा है कि सीमेंट गोदाम का मालिक दामोदरन ही है.
इस मुकदमे में दावा किया गया कि पूनजोलई श्रीनिवासन ने माना है कि यह पैसा उसका था और इसे गोदाम में वोटरों के बीच बांटने के लिए रखा गया था. IPC की धाराओं (171 ई और 171 बी) और 125 ए में कथिर आनंद और पूनजोलई श्रीनिवासन पर एफआईआर दर्ज किया गया. इसके बाद चुनाव आयोग ने 14 अप्रैल को यहां चुनाव रद्द करने की सिफारिश की. 16 अप्रैल यानी मंगलवार की शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश पर वेल्लोर सीट का चुनाव रद्द कर दिया.
कथिर आनंद ने चुनाव आयोग को भेजा नोटिस
चुनाव रद्द होने के बाद डीएमके प्रत्याशी कथिर आनंद ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है. इस नोटिस में कथिर ने कहा कि वेल्लोर में चुनाव कराया जाए, नहीं तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे. कथिर ने लिखा कि उनके घर या उनकी मां के घर से न तो कोई कैश बरामद हुआ है और न ही कोई दस्तावेज, ऐसे में चुनाव कराया जाना चाहिए. कथिर ने आरोप लगाया कि वेल्लोर में चुनाव रद्द करना और आयकर विभाग का छापा बीजेपी-अन्नाद्रमुक गठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की तरह लग रहा है. कथिर आनंद ने मांग की कि वेल्लोर सीट पर चुनाव कराए जाए, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
तमिलनाडु में कैश फॉर वोट के कारण रद्द हो चुके हैं कई विधानसभा चुनाव
तमिलनाडु में कैश बरामद होने का सिलसिला जारी है. चुनाव आयोग ने अभी तक 500 करोड़ रुपये सीज किए हैं. इसमें 205 करोड़ रुपये कैश और सोना बरामद हुआ हैं. हालांकि, तमिलनाडु में कैश फॉर वोट के आरोप नए नहीं है. 2016 में विधानसभा चुनावों के दौरान, कैश फॉर वोट के आरोप में तंजावुर और अरावकुरिची के चुनाव रद्द कर दिए थे. इसी तरह 2017 में आरके नगर विधानसभा उपचुनाव को भी इसी कारण रद्द कर दिया गया था.
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