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वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद्द, त्रिपुरा पूर्व पर आगे खिसका

लोकसभा चुनाव की अधिसूचना राष्ट्रपति जारी करते हैं, ऐसे में चुनाव रद्द करना भी उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में आता है. कैश की बरामदगी के बाद चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेटर लिखा था.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद [फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव]
राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद [फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव]

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चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट का चुनाव रद्द कर दिया है. वेल्लोर सीट पर राज्य की अन्य सीटों के साथ 18 अप्रैल को चुनाव होना था. यहां डीएमएक उम्मीदवार से जुड़े एक व्यक्ति के सीमेंट के गोदाम से करीब 12 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी के बाद यह फैसला किया गया है.

लोकसभा चुनाव की अधिसूचना राष्ट्रपति जारी करते हैं. ऐसे में चुनाव रद्द करना भी उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में आता है. कैश की बरामदगी के बाद चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेटर लिखा था.

आयकर विभाग ने वेल्लोर जिले में 1 अप्रैल को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के एक पदाधिकारी के सीमेंट गोदाम से बड़ी संख्या में नगदी जब्त की गई थी. आयकर विभाग के अधिकारियों को इस DMK पदाधिकारी के सीमेंट गोदाम से कार्टूनों और बोरों से नगदी मिली थी. कुल 12 करोड़ की नगदी बताई जा रही है. जिस डीएमके पदाधिकारी के गोदाम से रुपये बरामद किए गए उसे पार्टी के कोषाध्यक्ष दुरईमुरुगन का करीबी माना जाता है.

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आशंका जताई गई थी कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए और मददाताओं को पैसे बांटने के लिए कैश का इंतजाम किया गया था. दुरईमुरुगन के बेटे डी. एम. कथिर आनंद वेल्लोर सीट से द्रमुक के उम्मीदवार हैं. इस सीट से 23 उम्मीदवार मैदान में है. आनंद ने छापे की कार्रवाई को रुकवाने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था. लेकिन सफलता नहीं मिली. इससे पहले भी दुरईमुरुगन के वेल्लोर स्थित आवास पर छापे मारकर 10 लाख रुपये बरामद किए गए थे.

तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यव्रत साहू ने बताया था कि तलाशी अभियान पूरा होने के बाद आयकर विभाग को रिपोर्ट सौंपी गई थी.

आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नकदी दुरईमुरुगन शैक्षणिक ट्रस्ट के स्वामित्व वाले किंग्सटन कॉलेज से वेल्लोर के सीमेंट गोदाम में शिफ्ट की गई थी.

त्रिपुरा पूर्व सीट पर चुनाव आगे खिसका

त्रिपुरा पूर्व की लोकसभा सीट पर सुरक्षा कारणों से मतदान 18 अप्रैल से टालकर 23 अप्रैल को कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने कानून और व्यवस्था का हवाला देकर कहा है कि राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं है. त्रिपुरा पश्चिम सीट पर 11 अप्रैल को चुनाव हो चुका है.

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