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चुनावों से पहले बंगाल में कांग्रेस को झटका, सांसद मौसम नूर ने TMC का थामा हाथ

मालदा कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है. यह कांग्रेस के दिवंगत नेता गनी खान चौधरी का इलाका रहा है, जहां वाम मोर्चे से लेकर ममता बनर्जी तक का जादू नहीं चल सका है.मालदा उत्तर से ही मौसम नूर सांसद हैं.

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 मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में मौसम नूर TMC में शामिल (ANI)
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में मौसम नूर TMC में शामिल (ANI)

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लोकसभा चुनावों से पहले पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को झटका लगा है. मालदा (उत्तर) से पार्टी की सांसद मौसम नूर ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया. दिवंगत कांग्रेस नेता एबीए गनी खान चौधरी की भतीजी नूर ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में ममता बनर्जी से मुलाकात की और औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ली.

पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 42 सीटों में से 4 पर जीत हासिल की थी. नूर दूसरी बार लोकसभा पहुंची थीं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'मैं दीदी (ममता) से प्रभावित हूं. मैं राज्य के विकास के लिए उनके निर्देशों पर काम करूंगी. हमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मुकाबला करना है और मुझे पूरा भरोसा है कि तृणमूल कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में सभी 42 सीटों पर जीत हासिल करेगी.'

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बता दें कि मालदा कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है. यह कांग्रेस के दिवंगत नेता गनी खान चौधरी का इलाका रहा है, जहां वाम मोर्चे से लेकर ममता बनर्जी तक का जादू नहीं चल सका है. 1980 से 2005 तक गनी खान चौधरी मालदा इलाके से चुनकर लोकसभा पहुंचते रहे हैं. 2005 में चौधरी के निधन के बाद से उनका परिवार यहां की सियासत पर काबिज है.

मालदा जिले में 2 लोकसभा सीटें हैं. इनमें एक उत्तर मालदा सीट, जहां से गनी खान चौधरी की भतीजी मौसम नूर कांग्रेस से सांसद हैं और दूसरी, दक्षिण मालदा सीट जहां से उनके भाई अबू हासिमखान चौधरी कांग्रेस से सांसद हैं. हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव से उनके भाइयों और भतीजी के बीच दरार पड़ गई है. 2015 में उनके भाइयों में से एक ने पार्टी छोड़ दी और टीएमसी में शामिल हो गए.

गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में 81.6 फीसदी लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया था, जबकि 2009 के आम चुनावों में यह आंकड़ा 83.69 फीसदी का था. पिछले आम चुनावों में तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, माकपा और कांग्रेस को क्रमशः 16.97%, 15.39%, 27.77% और 33.41% वोट मिले थे. 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस को 47.77 प्रतिशत वोट मिले जबकि माकपा को 41.24, और बीजेपी को 6.67 फीसदी वोट मिले थे. 2009 की तुलना में देखा जाए तो 2014 में कांग्रेस के मत प्रतिशत में कमी आई है.

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