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पश्चिम यूपी में कांग्रेस-RLD गठबंधन की कवायद में, ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले जयंत चौधरी

उत्तर प्रदेश में आरएलडी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कवायद तेज हो गई है. इस संबंध में आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से दो बार मुलाकात की है.

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जयंत चौधरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया (फोटो-PTI फाइल)
जयंत चौधरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया (फोटो-PTI फाइल)

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उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल के शामिल होने को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. ऐसे में आरएलडी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कवायद तेज हो गई है. इस संबंध में आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से दो बार मुलाकात की है.

जयंत चौधरी ने आजतक को बताया कि उनकी पार्टी आरएलडी सूबे में सपा-बसपा महागठबंधन का हिस्सा है. फिलहाल महागठबंधन से अलग होने का कोई सवाल नहीं है. हालांकि सीटों को लेकर जरूर आरएलडी चाहती है कि उसे कुछ ज्यादा सीटें मिली. लेकिन आरएलडी महागठबंधन में है और रहेगी.

आरएलडी भले ही खुले तौर पर कह रही हो कि वह महागठबंधन का हिस्सा है, लेकिन अंदर खाने जिस तरह से आरएलडी और कांग्रेस नेताओं की मुलाकात हो रही हैं. वो कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया बनने के बाद जयंत चौधरी ने उनसे दो बार मुलाकात की है. सिंधिया एक बार जयंत चौधरी के घर डिनर पर आए. जबकि दूसरी बार जयंत चौधरी कॉफी पीने ज्योतिरादित्य सिंधिया के घर गए थे. कांग्रेस के कई नेता आरएलडी से संपर्क में हैं.

वहीं, आरएलडी महासचिव डॉ. मेराजुद्दीन ने आजतक से बातचीत में बताया था कि उनकी पार्टी पहले भी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुकी है. ऐसे में हमारे पास गठबंधन के सभी विकल्प खुले हुए हैं. कांग्रेस के साथ जाने में हमें कोई हर्ज नहीं है.

दरअसल कांग्रेस चाहती है सपा-बसपा गठबंधन के जवाब में उत्तर प्रदेश में उसका गठबंधन बड़ा हो. ऐसे में वह और आरएलडी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने गठबंधन का हिस्सा बनाना चाहती है. कांग्रेस को लगता है कि आरएलडी अगर सपा-बसपा गठबंधन को छोड़कर कांग्रेस के साथ आ जाए तो फिर मुकाबला बेहद कड़ा हो जाएगा.

दरअसल यूपी में सपा-बसपा गठबंधन के ऐलान के हुए एक महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है, लेकिन सीटों को लेकर घोषणा नहीं हो सकी है. हालांकि सपा-बसपा ने आरएलडी के लिए बागपत और मुजफ्फरनगर लोकसभा सीटें छोड़ रखी है. इसके अलावा सपा के अपने कोटे से मथुरा सीट देने का ऑफर की बात भी सामने आई थी.

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हालांकि मथुरा सीट पर सपा अपने कैंडिडेट को आरएलडी उम्मीदवार के तौर पर उतारने की बात कह रही है, लेकिन जयंत चौधरी इन तीन सीटों के अलावा  एक और यानी चौथी सीट चाहते हैं, जिस पर अभी तक बात नहीं बन सकी.

जानकारों के मुताबिक जयंत और सिंधिया की मुलाकात के पीछे दबाव बनाने की राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आरएलडी के साथ-साथ भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के साथ संपर्क में है. कांग्रेस अगर इस गठबंधन को अमलीजामा पहनाने में कामयाब रहते तो लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के लिए पश्चिम यूपी की सियासी लड़ाई आसान नहीं होगी.

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