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अल्पसंख्यकों के लिए मोदी का खास प्लान, सांसदों से बताया कैसे जीतेंगे विश्वास

अल्पसंख्यकों को लेकर पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि उसे भ्रमित और डराकर रखा गया. बेहतर होता कि इनके शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती.

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संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी
संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी

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तारीख 25 मई, जगह संसद भवन का सेंट्रल हॉल. मौका एनडीए संसदीय दल की बैठक. बीजेपी और एनडीए नेताओं से खचाखच भरे हॉल में जैसे ही पूर्ण बहुमत के विजयी रथ पर सवार पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे, सारे नेताओं ने अपनी जगह खड़े होकर उनका स्वागत किया.

बीजेपी के सभी नवनिर्वाचित 303 सांसद, एनडीए की अन्य पार्टियों के सांसद, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, प्रकाश सिंह बादल, नीतीश कुमार, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, रामविलास पासवान जैसे नेताओं से मंच सजा हुआ था. मोदी ने जब आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के पैर छुए तो सबकी नजरें जैसे वहीं ठहर गईं.

वजह खास इसलिए भी है क्योंकि जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रहे हैं. लोकसभा 2019 के महारण में कांग्रेस, सपा, बसपा, टीडीपी, तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियों को धूल चटाने के बाद बीजेपी के हौसले और बुलंद हैं. 52 सीट पाने वाली कांग्रेस की हालत तो ऐसी हो गई है कि लोकसभा में उसे विपक्षी पार्टी का भी दर्जा नहीं मिल पाएगा.

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नरेंद्र मोदी ने जब भाषण देना शुरू किया तो उन्होंने कई ऐसी बातें कहीं, जिन्होंने अगले 5 साल की सरकार का खाका कुछ-कुछ साफ कर दिया. एक तरफ मोदी ने जहां नए और पुराने सांसदों को बड़बोले बयान देने, मंत्री पद के नाम पर बहकावे में आने से बचने और वीआईपी कल्चर को छोड़ने की सलाह दी.

अल्पसंख्यकों पर दिया ये बयान

वहीं उन्होंने गरीबों और अल्पसंख्यकों को लेकर भी अपने इरादे साफ कर दिए, जिनके शोषण के आरोप मोदी-1 में लगते रहे हैं. पीएम मोदी ने भाषण में साफ कहा कि देश में गरीब को राजनीतिक संवाद और विवाद का सब्जेक्ट बना दिया गया है. यह एक फैशन बन गया है. उन्होंने कहा कि पांच साल की सरकार में गरीबों के साथ जो धोखा हो रहा था, छल हो रहा था, उसमें हमने एक छेद किया और सीधे गरीब के पास पहुंचे. पीएम मोदी का मतलब था कि उनकी सरकार की योजनाओं का फायदा गरीबों और अल्पसंख्यकों को मिला है. 

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अल्पसंख्यकों को लेकर पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि उसे भ्रमित और डराकर रखा गया. बेहतर होता कि अगर अल्पसंख्यकों की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती. 2019 में उन्होंने इस छल को भी भेदने की बात कही. अब तक मोदी सबका साथ, सबका विकास की बात करते आए हैं. संसद भवन में इस बार उन्होंने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात की.

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