महाराष्ट्र की यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट पर शिवसेना की भावना गवली ने कांग्रेस के गोविंदराव माणिकराव ठाकरे को 117939 वोटों से हराया. भावना गवली को 542098 वोट और गोविंदराव माणिकराव ठाकरे को 424159 वोट मिले. यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को पहले चरण में वोटिंग हुई थी. इस सीट से 24 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट पर 61.10 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया था. इस संसदीय क्षेत्र में कुल 19 लाख 14 हजार 785 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन कुल 11 लाख 69 हजार 868 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
इस लोकसभा सीट पर मतगणना के दौरान मिलने वाले रुझान और अंतिम परिणाम जानने के लिए इस पेज पर बने रहिए. इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है. लिहाजा आप भी इस पेज लगातार रिफ्रेश करते रहिए.
Lok Sabha Election Results 2019 LIVE: देखें पल-पल का अपडेट
कौन-कौन हैं उम्मीदवार
महाराष्ट्र की यवतमाल-वाशिम संसदीय सीट पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच मुकाबला है. यहां से शिवसेना ने मौजूदा सांसद भावना पुंडलिकराव गावली को मैदान में उतारा है, तो जवाब कांग्रेस ने माणिकराव ठाकरे को टिकट दिया है. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी ने यहां से अरुण किन्वतकर को चुनाव मैदान में उतारा है. यवतमाल-वाशिम लोकसभा सीट से कुल 24 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, जिनमें 14 निर्दलीय हैं.
पिछली बार किसने जीता चुनाव
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यवतमाल-वाशिम से शिवसेना की भावना पंडुलिकराव गावली जीती. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी शिवाजी राव शिवरामजी मोघे को हराया था. भवना को 4 लाख 77 हजार 905 वोट मिले थ, जबकि शिवाजी मोघे को 3 लाख 84 हजार 089 वोटों से संतोष करना पड़ा था. यवतमाल-वाशिम संसदीय सीट पर भावना गावली की दूसरी जीत थी.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
साल 2009 में हुए परिसीमन के बाद यवतमाल लोकसभा सीट तीन हिस्सों में बंट गई, जिसमें एक हिस्सा वाशिम जिले से जुड़ा, दूसरा चंद्रपुर जिले से और तीसरा मराठवाड़ा के हिंगोली जिले से जुड़ा. दो बार वाशिम ससंदीय सीट से सांसद रह चुकीं गवली ने परिसीमन के बाद वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से यवतमाल जुड़ जाने के बावजूद जीत हासिल की. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भावना गवली ने कांग्रेस के दमदार प्रत्याशी हरिभाऊ राठोड को 53 हजार वोटों से हराया.
यवतमाल सीट का इतिहास देखा जाए तो यह कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है. आंकड़ों पर नजर डालें तो 1952 में यवतमाल लोकसभा सीट से पहले सांसद रहे सहदेव भारती 1952 में सबसे पहले चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. उनके बाद 1957 में डी.वाई.गोहोकार (कांग्रेस), 1962-1967 में देवराव पाटिल (कांग्रेस), 1971 में सदाशिव ठाकरे (कांग्रेस), 1977 में श्रीधरराव जावड़े चुनाव जीते. इसके बाद उत्तमदादा पाटिल (1980 से 1991) तक कांग्रेस की टिकट पर लगातार जीतकर लोकसभा पहुंचे.
यवतमाल लोकसभा सीट पर सबसे पहले बीजेपी को जीत राजाभाऊ ठाकरे ने दिलवाई. वो 1996 में चुनकर आए. लेकिन अगले ही चुनाव में दोबारा 1998-1999 में उत्तमदादा पाटील ने जीत दर्ज की. फिर 2004 में यहां हरिसिंह राठौड़ ने कांग्रेस को वापस जीत दिलाई.
यहां 1977 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ. वसंतराव नाईक कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने. उनके बाद 1980 और 1984 में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, 1989-1991 में कांग्रेस के देशमुख अनंत राव, 1996 में पुंडलिकर राव शिवसेना से, 1998 में कांग्रेस के सुधाकर राव नाईक, फिर 1999 और 2004 में शिवसेना की टिकट पर भावना गवली चुनाव जीती.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़लेटर