भारतीय जनता पार्टी के स्टार कैंपेनर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के दौरान अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. 72 घंटे का बैन लगने के बाद एक बार फिर चुनाव आयोग ने योगी को ‘बाबर की औलाद’ कहने पर नोटिस जारी किया है. EC के बैन पर योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया कि चुनावी मंच विरोधियों पर निशाना साधने के लिए ही होता है, ना कि भजन गाने के लिए.
न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में यूपी सीएम से जब चुनाव आयोग के नोटिस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भजन करने के लिए मंच पर जाते हैं क्या? उखाड़ देने के लिए और अपने विरोधियों को घेरने के लिए मंच पर जाते हैं.
Those contesting 37, 38 seats aspiring to be PM: Yogi on Mahagathbandhan
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— ANI Digital (@ani_digital) May 3, 2019
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा काम विरोधियों की कमियों को उजागर करना और उन्हें जनता के सामने रखना है. अगर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस हमें चुनाव के दौरान गाली दें, तो हम बुरा नहीं मानेंगे. बता दें कि योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के दौरान ना सिर्फ प्रदेश में बल्कि पूरे देश में रैलियां कर रहे हैं.
संभल में एक जनसभा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को ‘बाबर की औलाद’ बताया था. जिस पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा और 24 घंटे में जवाब देने को कहा है.
इससे पहले चुनाव आयोग योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे के लिए प्रचार पर बैन लगा चुका है. योगी ने अपने एक भाषण में मुस्लिम लीग के झंडों को वायरस बताया था, तो वहीं उन्होंने भारतीय सेना को मोदी जी की सेना कहकर संबोधित किया था.
सिर्फ योगी आदित्यनाथ ही नहीं बल्कि इस बार चुनाव आयोग कई बड़े नेताओं पर उनके बयानों की वजह से बैन लगा चुका है. जिसमें केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, बसपा प्रमुख मायावती, सपा नेता आजम खान (दो बार), भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जैसे बड़े नेता शामिल हैं.
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