Dinesh Chandra Yadav
JD(U)
Da Kumar Chandradeep
RJD
Nota
NOTA
Sureshwar Poddar
AMIP
Md Arshad Hussain
BSP
Jawahar Lal Jaiswal
SUCI
Ucheshwar Pandit
SAMDP
Pro Kameshwar Yadav
BJKD
Ajablal Mehta
YKP
Madhepura Election Result Announced: JD(U) उम्मीदवार Dinesh Chandra Yadav बने विजेता, जानिए कितने वोट मिले
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Madhepura का ताजा हाल: Bihar की इस सीट पर JD(U) उम्मीदवार Dinesh Chandra Yadav ने बनाई बढ़त
मधेपुरा बिहार राज्य का एक जिला और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. जिले का मुख्यालय भी यहीं है. जिले को दो अनुमंडल. 13 प्रखंड और 13 अंचल में बांटा गया है. इस जिले का क्षेत्रफल 1,788 वर्ग किलोमीटर है. 2008 के परिसीमन के बाद मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- आलमनगर, बिहारीगंज, मधेपुरा, सोनबरसा, सहरसा और महिषी.
2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक मधेपुरा की जनसंख्या 20.02  लाख थी. इस जिले की 56.56 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 61.77 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 41.74 फीसदी है.
मधेपुरा का सिंहेश्वरनाथ मंदिर दार्शनिक स्थलों में से एक है.
बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती है. आरजेडी चीफ लालू प्रसाद का ये गढ़ रहा है तो बाहुबली पप्पू यादव और शरद यादव के बीच की सियासी जंग भी यहां के वोटरों के लिए हमेशा रुचि का विषय रहता है. मधेपुरा जिला उत्तर में अररिया और सुपौल, दक्षिण में खगड़िया और भागलपुर जिला, पूर्व में पूर्णिया तथा पश्चिम में सहरसा जिले से घिरा हुआ है. मधेपुरा की आबादी है 1,508,361. राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव मधेपुरा से सांसद हैं. ये जिला मंडल आयोग के अध्यक्ष रहे बी. पी. मंडल का पैतृक जिला है. जो द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी रहे जिसे मंडल आयोग के नाम से जाना जाता है और जिनकी रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी वर्ग को देश में आरक्षण मिला.
2019 का जनादेश
बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट पर इस बार जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के पप्पू यादव उर्फ राजेश रंजन और जेडीयू के दिनेश चंद्र यादव के बीच कांटे का मुकाबला है. कभी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे शरद यादव इस बार आरजेडी से चुनावी मैदान में हैं. बहुजन मुक्ति पार्टी, राष्ट्रवादी जनता पार्टी, आम अधिकार मोर्चा, बलिराजा पार्टी, असली देशी पार्टी और 5 निर्दलीय भी ताल ठोंक कर चुनावी मैदान में हैं.
2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से जेडी(यू) के दिनेश चंद्र यादव ने जीत हासिल की, उन्हें 6,24,334 वोट मिले थे. जबकि आरजेडी के शरद यादव 3,22,807 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और जेएपी (एल) के पप्पू यादव 97,631 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. मधेपुरा पर इस चुनाव में 59.14 प्रतिशत मतदान हुआ था. 
2014 का जनादेश
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में मधेपुरा सीट से पप्पू यादव उर्फ राजेश रंजन ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, बाद में पप्पू यादव आरजेडी से अलग हो गए और उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली. 
पप्पू यादव को 3,68,937 वोट मिले. तब जेडीयू के टिकट पर शरद यादव उनके सामने थे. शरद यादव को 3,12,728 वोट मिले थे. बीजेपी के विजय कुमार सिंह 2,52,534 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. 
Sharad Yadav
RJD
Rajesh Ranjan @ Pappu Yadav
JAPL
Nota
NOTA
Suman Kumar Jha
IND
Jaykant Yadav
IND
Anil Bharti
RVNP
Vinay Kumar Mishra
IND
Rajo Sah
IND
Rajiv Kumar Yadav
BALP
Suresh Kumar Bharti
ASDHP
Md. Arshad Husain
IND
Umashankar
BMUP
Manoj Kumar Mandal
AAM
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनो ही अगले साल होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में शिद्दत से जुटे हुए हैं. थोड़ा फर्क ये है कि दोनो को चैलेंज करने इस बार प्रशांत किशोर भी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं - क्या मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है?
लंबे समय बाद बिहार की चुनौवी रैली में दिखे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीमा भारती को लेकर विवादित बयान दिया है. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें कुछ बोलना नहीं आता था. हमने उन्हें बोलना सिखाया. हमने उन्हें अपनी पार्टी में इज्जत दी लेकिन वो भाग गईं. देखें पूरा बयान.
बिहार के मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से इंडिया ब्लॉक की ओर से राजद ने डॉ. कुमार चंद्रदीप को प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद मैं मधेपुरा और सहरसा में चतुर्दिक विकास का मार्ग प्रशस्त करूंगा. सहरसा में एम्स, रेल ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा कर अपने कार्यकाल में उद्घाटन करवाऊंगा. देखें वीडियो.
आगामी लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सीट पर जीत या हार, पप्पू यादव का मौजूदा राजनीतिक कद न सिर्फ इस सीट पर बल्कि आसपास के इलाकों में भी निर्धारित करेगी. लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम बिहार की राजनीति में लालू की राजनीतिक विरासत के एक्सेप्टेंस के आसपास घूमेगी. इस पर विपक्ष का परिवारवाद वाला तड़का बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बहस में और भी स्वाद भर सकता है.