Dileshwar Kamait
JD(U)
Chandrahas Chaupal
RJD
Baidya Nath Mehta
IND
Yog Narayan Singh
IND
Nota
NOTA
Vindeshwari Prasad
IND
Kiran Devi
BSP
Mohd Kalim Khan
RJSBP
Umesh Prasad Sah
JHP
Raj Kumar Yadav
VKVIP
Ramesh Kumar Anand
PBI
Abdul Matin
IND
Bambam Kumar
IND
Nitish Kumar
IND
Ajay Kumar Sah
IND
Shiv Hari Agrawal
BHNP
JD(U) उम्मीदवार Dileshwar Kamait बने Supaul लोकसभा सीट के विजेता
Supaul लोकसभा सीट पर JD(U) और RJD के बीच मुकाबला जारी, जानिए क्या है हाल
Supaul का ताजा हाल: Bihar की इस सीट पर JD(U) उम्मीदवार Dileshwar Kamait ने बनाई बढ़त
Supaul पर JD(U) और RJD आमने-सामने, जानिए ताजा हाल
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Supaul Results Live: JD(U) प्रत्याशी Dileshwar Kamait निकले सबसे आगे, निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 144533 वोटोंं से बनाई बढ़त
सुपौल बिहार की एक हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट है. सुपौल सहरसा जिले से 14 मार्च 1991 को विभाजित होकर अलग जिले के रूप में अस्तित्व में आया. सहरसा फारबिसगंज रेलखंड पर स्थित है सुपौल. सांस्कृतिक रूप से यह काफी समृद्ध जिला है. नेपाल से करीब होने के कारण यह सामरिक रूप से भी काफी महत्त्वपूर्ण है. 
क्षेत्रफल के आधार पर यह कोसी प्रमंडल का सबसे बड़ा जिला है. वीरपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली, सुपौल इसके अनुमंडल हैं. लोकगायिका शारदा सिन्हा एवं स्व. पंडित ललित नारायण मिश्र इसी इलाके से आते हैं. सुपौल प्राचीन काल में मिथिला राज्य का हिस्सा था. बाद में मगध तथा मुगल सम्राटों ने भी यहां राज किया. सुपौल को 1991 में जिला बनाया गया.
परिसीमन के बाद 2008 में सुपौल लोकसभा सीट अलग से अस्तित्व में आई. 2009 के चुनाव में यहां से जेडीयू के विश्व मोहन कुमार सांसद बने. 2009 के चुनाव में रंजीत रंजन ने सुपौल सीट से अपनी किस्मत आजमाई थीं. लेकिन तब रंजीत रंजन जेडीयू के विश्व मोहन कुमार से डेढ लाख वोटों से हार गई थीं. लेकिन 2014 का चुनाव रंजीत रंजन ने कांग्रेस के टिकट पर सुपौल सीट से लड़ा. मोदी लहर के बावजूद इस बार रंजीत रंजन ने 60000 वोटों से जेडीयू के उम्मीदवार दिलेश्वर कमैत को हराकर जीत हासिल की थी. 
सुपौल उत्तर में नेपाल, दक्षिण में मधेपुरा, पश्चिम में मधुबनी और पूर्व में अररिया जिले से घिरा हुआ है. यह इलाका कोसी नदी के पानी से हर साल आने वाले बाढ़ से प्रभावित होता रहता है. इस इलाके में बाढ़ और रोजगार के लिए पलायन सबसे बड़ी समस्या है. इस संसदीय क्षेत्र में वोटरों की संख्या 1,279,549 है. जिसमें से 672,904 पुरुष वोटर और 606,645 महिला वोटर हैं.
सुपौल लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 5 सीटें आती हैं- निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज और छत्तापुर. 
2019 का जनादेश
जेडी(यू) के दिलेश्वर कामैत 5,97,377 वोटों से जीते
कांग्रेस के रंजीत रंजन 3,30,524 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे
निर्दलीय उम्मीदवार विश्व मोहन कुमार 23,045    वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवार कांग्रेस की रंजीत रंजन को 332927 वोट हासिल हुए. नंबर दो पर रहे जेडीयू के दिलेश्वर कमैत जिन्हें 273255 वोट मिले. तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के उम्मीदवार कामेश्वर चौपाल को 249693 वोट मिले.
Ranjeet Ranjan
INC
Dinesh Prasad Yadav
IND
Rajesh Kumar S/o- Yugeshwar Sah
IND
Binod Kumar Sahu
IND
Anand Pathak
IND
Md. Abul Kalam Azad
JHP
Sandip Kumar Singh
IND
Kiran Devi
BSP
Sanjeet Kumar Choudhary
AJPR
Nota
NOTA
Md. Afroj Alam
IND
Rajesh Kumar S/o- Jawahar Lal Das
IND
Satya Narayan Mehta
JANADIP
Sanjay Sardar
LSD
Sudhakar Jha
IND
Pramod Kumar Nirala
VCSMP
Krishan Dev Mandal
RVNP
Bhim Kumar Gupta
JKNPP
Naveen Kumar Singh
BLND
Dip Narayan Mandal
SHS
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनो ही अगले साल होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में शिद्दत से जुटे हुए हैं. थोड़ा फर्क ये है कि दोनो को चैलेंज करने इस बार प्रशांत किशोर भी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं - क्या मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है?
लंबे समय बाद बिहार की चुनौवी रैली में दिखे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीमा भारती को लेकर विवादित बयान दिया है. नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें कुछ बोलना नहीं आता था. हमने उन्हें बोलना सिखाया. हमने उन्हें अपनी पार्टी में इज्जत दी लेकिन वो भाग गईं. देखें पूरा बयान.
बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं. इस बार बीजेपी और नीतीश कुमार की जेडीयू ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है. बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में ऐसा पहली बार है जब भगवा पार्टी ने राज्य में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. गठबंधन में बीजेपी ने 40 में से 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जबकि जेडीयू ने 16 सीटों पर. वहीं 5 सीटें राम विलास पासवान की पार्टी की दी गईं और एक सीट हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और 1 सीट उपेंद्र कुशवाहा को दी.
नीतीश कुमार ने दावा किया कि बिहार में राजद के कार्यकाल के दौरान लोग बाहर तक नहीं जा सकते थे. उन्होंने आरोप लगाया, 'लोग पुरानी बातें भूल जाते हैं, इसलिए, मैं सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि 2005 से पहले उनके कार्यकाल में बिहार में कोई विकास कार्य नहीं किया गया था.