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एक रात पहले 212 नाम, मीटिंग में सौंपे 6 नाम... जानें नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर क्यों नाराज हैं अधीर रंजन चौधरी

देश के दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर मची खींचतान के बीच कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा दावा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के साथ मीटिंग के बाद अधीर रंजन ने कहा,'नए चुनाव आयुक्तों के लिए ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू का नाम तय किया गया है

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कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव से पहले देश में नए  चुनाव आयुक्तों को लेकर खींचतान मच गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर नाराजगी जताई है.  उन्होंने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल उठाए हैं. सामने आया है कि कांग्रेस नेता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनसे बहुत ही अव्यावहारिक तरीके से नियुक्ति में शामिल होने के लिए कहा गया है.

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पहले 212 नामों की एक लंबी लिस्ट थमाकर सिर्फ एक रात का वक्त दिया और फिर अगली सुबह सिर्फ 6 नाम सामने रख दिए. ये सिर्फ 10 मिनट पहले हुआ है. अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया है कि, इतने कम समय में कैसे नाम तय किए जा सकते थे.

कौन-कौन चुने गए दो आयुक्त!
देश के दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर मची खींचतान के बीच कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा दावा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के साथ मीटिंग के बाद अधीर रंजन ने कहा,'नए चुनाव आयुक्तों के लिए ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू का नाम तय किया गया है.'

एक रात पहले थमा दी 212 नामों की लिस्टः अधीर रंजन
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक रात पहले ही उन्हें 212 नामों की लिस्ट मिली. इतने कम समय में 212 नामों की जांच और समीक्षा करना संभव नहीं है. बैठक में सरकार की तरफ से 212 में से 6 नाम दिए गए. उन्होंने चयन प्रक्रिया को लेकर पांच आपत्तियां जताई हैं.

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ये हैं अधीर रंजन चौधरी की पांच आपत्तियां
पहली आपत्तिः पहले EC के चयन को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन वह मीटिंग रद्द हो गई थी.

दूसरी आपत्तिः मैंने चिट्ठी लिखकर कहा था, पांच नाम शॉर्टलिस्ट करके दीजिए.

तीसरी आपत्तिः नाम शेयर करने के लिए कहा था, लेकिन नाम शेयर नहीं किए गए.

चौथी आपत्तिः अधीर रंजन चौधरी रात को बंगाल से दिल्ली पहुंचे, तब उन्हें 212 नाम की लिस्ट दे दी गई.

पांचवीं आपत्तिः अधीर रंजन चौधरी सुबह मीटिंग में पहुंचे और उन्हें छह नाम दे दिए गए और कहा गया कि इननें में से चयन कर लीजिए. ऐसे में अधीर रंजन चौधरी ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए.

सहकारिता मंत्रालय से हुए रिटायर

बता दें कि ज्ञानेश कुमार कुछ दिनों पहले ही सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए हैं. यहां ज्ञानेश ने मंत्रालय के गठन के समय से लेकर अब तक काम किया. सहकारिता मंत्रालय गृह मंत्री अमित शाह के अंतर्गत आता है. इससे पहले ज्ञानेश कुमार गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के जॉइंट सेक्रेटरी थे, उनके समय ही धारा 370 हटाई गई थी.

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1988 बैच के केरल काडर के हैं IAS

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ज्ञानेश कुमार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. गृह मंत्रालय के साथ काम करते हुए उनकी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक की तैयारी में भी सक्रिय भूमिका रही. गृह मंत्रालय में ज्ञानेश पदोन्नत होकर एडिशनल सेक्रेटरी भी बने थे. वह 1988 बैच के केरल काडर के आईएएस ऑफिसर हैं.

कौन हैं पूर्व IAS अधिकारी सुखबीर संधू

पूर्व आईएएस अधिकारी सुखबीर संधू को जुलाई 2021 में ओम प्रकाश की जगह उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. 1988 बैच के आईएएस अधिकारी संधू भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष के रूप में केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे. केन्द्र सरकार ने इनको एक साल के लिए लोकायुक्त सचिव नियुक्त किया था. उस वक्त नियुक्ति के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के मुताबिक उत्तराखंड कैडर और 1988 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. सुखबीर संधू की नियुक्ति एक वर्ष की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर की गई. गौरतलब है कि संधू पिछले साल 30 सितंबर को उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.

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