केरल में सभी 20 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो गई है. अब 4 जून को नतीजे आने का इंतजार है. इससे पहले चुनावी मैदान में उतरीं पार्टियां अब नफा-नुकसान और जीत-हार की समीक्षा करने में जुट गई हैं. INDIA ब्लॉक में शामिल CPI ने केरल में अलग चुनाव लड़ा है और कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी है. CPI ने केरल में अपने चार उम्मीदवार उतारे थे. सीपीआई ने वोटिंग के बाद समीक्षा की और इंटरनल रिपोर्ट में तीन सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया है. सिर्फ वायनाड सीट पर सीपीआई को हारने की आशंका है.
बता दें कि वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चे (LDF) में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) की सहयोगी पार्टी सीपीआई ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी एनी राजा को वायनाड से उम्मीदवार बनाया गया. तिरुवनंतपुरम से पन्नियन रवींद्रन चुनाव लड़े. जबकि त्रिशूर से CPI नेता वीएस सुनील कुमार और मावेलिकारा से अरुण कुमार ने चुनाव लड़ा है. वायनाड सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला. यहां सीपीआई की एनी राजा और कांग्रेस से राहुल गांधी के बीच मुकाबला है. तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के शशि थरूर चुनावी मैदान में हैं. वे यहां से तीन बार के सांसद हैं और चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं. सीपीआई ने दावा किया है कि तिरुवनंतपुरम से इस बार उनकी पार्टी जीत हासिल करने जा रही है.
सीपीआई ने वायनाड छोड़कर तीन सीटों पर जीतने का दावा किया
सूत्रों के अनुसार, सीपीआई कार्यकारिणी ने चुनावी समीक्षा के बाद दावा किया कि वे केरल में वायनाड को छोड़कर चार में से तीन सीटों पर जीत हासिल करेंगे. सीपीआई ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के हिस्से के रूप में वायनाड, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर और मवेलिककारा में चुनाव लड़ा था. पार्टी कार्यकारिणी ने मूल्यांकन किया कि वायनाड में एनी राजा काफी अच्छा प्रदर्शन करेंगी और पार्टी का वोट शेयर बढ़ाएंगी, लेकिन राहुल गांधी के खिलाफ सीट नहीं जीत पाएंगी.
इंटरनल रिपोर्ट में LDF के 12 सीटें जीतने का दावा किया
सीपीआई की इंटरनल रिपोर्ट के अनुसार, तिरुवनंतपुरम में लेफ्ट उम्मीदवार पन्नियन रवींद्रन मजबूत स्थिति में हैं और वो कांग्रेस के शशि थरूर और बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ मामूली अंतर से जीत दर्ज करेंगे. सीपीआई ने कहा कि त्रिशूर में कांग्रेस, सीपीआई और बीजेपी के बीच कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. सीपीआई को लगता है कि पार्टी उम्मीदवार सुनील कुमार भारी अंतर से जीत हासिल करेंगे. पार्टी कार्यकारिणी ने यह भी दावा किया कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा केरल में 20 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज करेगा. सीपीआईएम ने भी अपनी बैठक में 12 सीटें जीतने की उम्मीद जताई है.
2019 में चारों सीटों पर चुनाव हारी थी सीपीआई
फिलहाल, तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के शशि थरूर और वायनाड से राहुल गांधी सांसद हैं. सीपीआई ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी केरल की इन चारों सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन कोई भी सीट नहीं जीत सकी थी. केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं. इनमें से 2019 में कांग्रेस को 15 सीटें , इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को 2 सीटें मिली थीं. सीपीआई (एम), केसी (एम) और आरएसपी ने 1-1 सीटें जीती थीं. कांग्रेस नेता शशि थरूर तिरुवनंतपुरम सीट से 2009 से चुनाव जीत रहे हैं.
यह भी पढ़ें: 'अमेठी की तरह वायनाड से भी भाग जाएंगे राहुल', PM मोदी का विपक्ष पर तीखा हमला
2019 में वायनाड में पहली बार जीते थे राहुल गांधी
पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड में सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को हराकर 4.31 लाख वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी. इस बार सीपीआई ने राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने का विरोध किया और कहा था कि उन्हें हिंदी पट्टी में बीजेपी से मुकाबला करना चाहिए. सीपीआई चाहती थी कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ दें और उत्तर भारत में किसी सीट से चुनाव लड़ें. बता दें कि कांग्रेस और सीपीआई राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी के वायनाड में चुनाव लड़ने की वजह से ही पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन यूडीएफ (UDF) को ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने में मदद मिलेगी. यूडीएफ में वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (जैकब), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और कई अन्य छोटी पार्टियां शामिल हैं.