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पंजाब में अकाली दल और BJP के बीच अलायंस की बातचीत फेल... इन मुद्दों पर नहीं बनी बात

पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की कोशिशों में जुटी बीजेपी और अकाली दल के बीच बातचीत विफल हो गई है. दरअसल पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के एक साथ चुनाव ना लड़ने के ऐलान बाद बीजेपी ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है.

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अकाली दल नेता सुखबीर बादल और पीएम नरेंद्र मोदी
अकाली दल नेता सुखबीर बादल और पीएम नरेंद्र मोदी

लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए लगातार अपना कुनबा बढ़ाने की कोशिशों में लगा हुआ है. इस कड़ी में बीजेपी और अकाली दल के बीच पंजाब में गठबंधन को लेकर पिछले कुछ समय से बातचीत चल रही थी. अब सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है जिसके मुताबिक, पंजाब में अकाली दल और बीजेपी गठबंधन की बातचीत विफल हो गई है.

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पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के एक साथ चुनाव ना लड़ने के ऐलान बाद बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल दी है. सूत्रों के मुताबिक, अकाली दल द्वारा किसान आंदोलन, सिख बंदियों की रिहाई के मामलों को लेकर भी बीजेपी पर दवाब बनाया जा रहा था. साथ ही पंजाब की बीजेपी लीडरशिप भी गठबंधन के हक में नहीं थी. 

इस वजह से अलग हुई थी बीजेपी-अकाली की राह

आपको बता दें कि केंद्र सरकार जब किसानों के लिए नए कृषि कानून लेकर आई थी, उसके विरोध में अकाली दल ने एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था. उसके बाद अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर ही पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा था.

इस वजह से नहीं बनी बात?

कुछ समय पहले अकाली दल के सूत्रों ने बताया था कि बीजेपी पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से छह सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जबकि अकाली दल इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. जब अकाली दल एनडीए में शामिल था, तो वो 10 सीटों पर चुनाव लड़ता रहा और बीजेपी तीन सीटों पर चुनाव रही थी.

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दरअसल इस समय पंजाब में अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन है. कहा जा रहा है कि वो इस गठबंधन को तोड़ना नहीं चाहते क्योंकि बीएसपी का पंजाब में अच्छा-खासा प्रभाव है. वहीं सुखदेव सिंह ढींढसा के गुट की भी अकाली दल में शामिल होने की बात चल रही है.

वहीं अकाली नेताओं का आरोप है कि बीजेपी ने पंजाब में अकाली दल को कमजोर करने की भी कोशिश की है. बीजेपी ने अकाली दल के नाराज नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया ताकि अकाली का वोटबैंक उसको ट्रांसफर हो सके. जालंधर लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी ने चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे इंदर सिंह अटवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था. 

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