ओडिशा (Odisha) की सत्तारूढ़ पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने बीजेपी के साथ गठबंधन पर बात बनने से पहले ही लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एजेंसी के मुताबिक पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने भी अपनी पार्टी के नेताओं से राजधानी भुवनेश्वर में रहकर टिकटों की पैरवी करने के बजाय अपने निर्वाचन क्षेत्रों पर पूरा ध्यान देने को कहा.
बीजेडी के एक सीनियर नेता का कहना है कि हम (गठबंधन पर) बीजेपी के फैसले का इंतजार किए बिना अपने उम्मीदवारों का चयन शुरू कर देंगे. हम देखेंगे कि बाद में क्या होगा.
दिल्ली पहुंचे हैं कुछ नेता
ओडिशा से बीजेपी की एक टीम पिछले दो दिनों से बीजू जनता दल (BJD) के साथ सीट बंटवारे को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में डेरा डाले हुए है और केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक कर रही है. राज्य में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव चार चरणों में 13 मई, 20 25 मई और 1 जून को होंगे.
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बीजू जनता दल ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि वे निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के बारे में पार्टी अधिकारियों को जानकारी देते रहें. पटनायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दो मॉनीटरिंग सेल खोले हैं, एक उनके घर 'नवीन निवास' में और दूसरा राज्य पार्टी मुख्यालय 'संखा भवन' में. नेताओं से कहा गया है कि वे निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों की तस्वीरें भी भेजें.
नवीन पटनायक ने सोमवार को पुरी और केंद्रपाड़ा लोकसभा क्षेत्रों के पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग की. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोमवार को बीजेपी ओडिशा के अध्यक्ष सभी 21 लोकसभा और 147 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के शॉर्टलिस्टेड नामों के साथ दिल्ली गए. बीजेडी और बीजेपी 1998 से 2009 के बीच 11 सालों तक गठबंधन में रहे और तीन लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव एक साथ लड़े.
गठबंधन पर संशय बरकरार
हाल के कुछ दिनों से बीजेपी और बीजू जनता दल के साथ गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं. पिछले दिनों ओडिशा बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अभी बीजेडी संग गठबंधन की उनकी कोई चर्चा नहीं हुई है.
8 मार्च को ओडिशा बीजेपी प्रमुख मनमोहन सामल ने शुक्रवार को कहा था कि चुनाव की तैयारी पर हाल ही में पार्टी की बैठक के दौरान नवीन पटबनायक की बीजू जनता दल के साथ गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई है. हमारे सीनियर नेताओं के साथ चुनावी तैयारी बैठक हुई थी. इसी उद्देश्य से हम दिल्ली गए थे. गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई. आगामी चुनाव में हम कैसे खड़े होंगे, इसे लेकर हमारी तैयारी बैठक हुई थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी लोकसभा और विधानसभा (चुनाव) दोनों में अकेले खड़ी रहेगी. हमने अभी चर्चा की है कि हम राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी सरकार कैसे बनाएंगे.
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ओडिशा में बीजेपी का बढ़ता ग्राफ
बीजेडी ने साल 2009 के चुनाव से पहले बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था. 2009 में बीजेपी को 15.1 फीसदी वोट शेयर के साथ छह सीटों पर जीत मिली थी और तब से अब तक, चुनाव दर चुनाव पार्टी का ग्राफ बढ़ा है. बीजेडी 2009 में 38.9 फीसदी वोट शेयर के साथ 146 सदस्यों वाली विधानसभा में 103 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन 2014 और 2019 चुनाव के एक ट्रेंड ने पटनायक की पार्टी की टेंशन बढ़ा दी. बीजेपी का ग्राफ चुनाव दर चुनाव चढ़ा है. 2014 और 2019 के ओडिशा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेडी का वोट शेयर बढ़ा जरूर है लेकिन मामूली ही सही, सीटें घटी हैं.
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लोकसभा चुनावों में कैसा रहा आंकड़ा?
बीजेडी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 44.8 फीसदी वोट शेयर के साथ 21 में से 20 सीटें जीती थी. तब बीजेपी 21.9 फीसदी वोट शेयर के साथ एक सीट ही जीत सकी थी. 2019 में बीजेडी का वोट शेयर 43.3 फीसदी पर आ गया और पार्टी को 2014 के मुकाबले आठ सीट का नुकसान उठाना पड़ा वहीं इसके ठीक उलट बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 38.9 फीसदी पहुंच गया और पार्टी की सीटें भी एक से बढ़कर आठ हो गईं. तब से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है. बीजेडी में नवीन पटनायक के बाद कौन? उत्तराधिकार का सवाल और गहरा हुआ है.