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भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच एक पोस्टर को लेकर विवाद छिड़ गया है. AAP का आरोप है कि भाजपा ने अपने होर्डिंग्स में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर लगाई है और उन्हें भ्रष्टचारी बताया है. पोस्टर में एक तरफ लिखा है....वो कहते हैं भ्रष्टचारी को बचाओ, तो दूसरी तरफ लिखा है, मोदी जी कहते हैं भ्रष्टचारी हटाओ. आप ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी से इसकी शिकायत भी की है.
वैसे ये पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर पोस्टर के जरिए हमला बोला हो. पिछले 10 साल में ऐसे कई मौके आए हैं, जब बीजेपी ने केजरीवाल पर अखबार में विज्ञापन के जरिये, पोस्टर-होर्डिंग लगाकर और बयानों से हमले किए हैं. ये हमले कई बार निजी भी हो गए हैं. हालांकि, नतीजे बताते हैं कि बीजेपी को इस दांव का बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ है. इसे विस्तार से समझने के लिए वर्ष 2015 में भाजपा द्वारा अखबारों में दिए गए विज्ञापन, वर्ष 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल को आतंकी कहना और 2022 के MCD चुनाव में सत्येंद्र कुमार जैन का मालिश कराते वीडियो को लेकर विश्लेषण करते हैं.
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विज्ञापन नंबर एक
साल 2015 में दिल्ली विधानसभा के चुनावी समर में अरविंद केजरीवाल का दो बच्चों के सिर पर हाथ रखकर शपथ लेते हुए एक व्यंग्यचित्र दिखाया गया था, जबकि बगल में कांग्रेस की टोपी पहने एक महिला शर्माती हुई नजरों से देख रही थी. बैकग्राउंड में अन्ना हजारे का एक व्यंग्यचित्र था, जिसे फ्रेम में सजाया गया था और उस पर माल्यार्पण किया गया था. (जैसा कि दिवंगत के लिए किया जाता है). AAP ने इस विज्ञापन का काफी विरोध किया. केजरीवाल ने यहां तक कह दिया था कि भाजपा ने अपने विज्ञापन में अन्ना की हत्या कर दी है. विज्ञापन में मोटे अक्षरों में लिखा था...सत्ता के लिए बच्चों की झूठी कसम तक मैं खाऊंगा, और रात-दिन ईमानदारी का डंका भी बजाऊंगा.
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, नाथूराम गोडसे ने आज ही के दिन 1948 में गांधीजी की हत्या की थी. बीजेपी ने आज अपने विज्ञापन में अन्ना की हत्या कर दी है. क्या बीजेपी को सभी AAP के कार्यकर्ता और समर्थकों से माफी नहीं मांगनी चाहिए? बुरी ताकतें आपका ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगी. लेकिन कृपया सकारात्मक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित रखें.
विज्ञापन नंबर दो
भाजपा ने अखबार में नया विज्ञापन दिया. जिसमें लिखा था, 'आम आदमी हूं जी, सरकारी बंगला नहीं अपनाऊंगा, पर 15 दिन में ही आलीशान मकान में जम जाऊंगा. केजरीवाल पर बंगला लेने का आरोप लगाया गया. विज्ञापन में केजरीवाल को मफलर और टोपी पहने हुआ दिखा गया. उनके हाथ में एक माला भी थी. केजरीवाल के एक साइड झाड़ू रखा था और दूसरी बगल चंदा मांगने के लिए बड़ा सा कटोरा रखा दिखाया गया.
विज्ञापन नंबर तीन
साल 2015 में ही विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखबार में विज्ञापन के जरिए भाजपा ने केजरीवाल पर कई बार अलग-अलग तरीके से निशाना साधा. केजरीवाल ने एक अखबार के विज्ञापन में भाजपा द्वारा अपनी जाति या 'गोत्र' का अपमान करने का आरोप लगाया, जिसमें उन्हें एक प्रदर्शनकारी के रूप में दिखाया गया जो गणतंत्र दिवस समारोह को बाधित करने की धमकी दे रहा है. इसमें लिखा था, देश के करोड़ों लोग गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व मानते हैं, गर्व करते हैं और AAP का उपद्रवी गोत्र इसमें व्यावधान डालने को तैयार था. दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने अखबारों में कार्टून विज्ञापनों की एक सीरीज जारी की थी. इस विज्ञापन में लिखा था...मेरी ना सुनी तो 26 जनवरी को प्रोग्राम भी बिगाड़ जाऊंगा..और एक साल बाद VIP पास की गुहार भी लगाऊंगा.
भाजपा को साल 2015, 2020 के विधानसभा चुनाव और 2022 के MCD चुनाव में नहीं मिली सत्ता
विज्ञापन में केजरीवाल के पुराने बयानों को टारगेट करना और उनपर निजी हमले करने का फायदा भाजपा को चुनाव में नहीं मिला. केजरीवाल को लेकर नकरात्मक विज्ञापन बीजेपी की सीटें नहीं बढ़ा सका, बल्कि उल्टा पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा. इसका गणित समझने के लिए चुनाव में मिले सीट और वोट परसेंटेज पर नजर डालते हैं.
2015 का विधानसभा चुनाव
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 67 सीटें मिलीं. आप का वोट शेयर 54.3 प्रतिशत रहा. भाजपा ने 69 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 3 सीटें मिलीं. भाजपा का वोट शेयर 32.2 प्रतिशत रहा. कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी. लेकिन कांग्रेस को 9.7 प्रतिशत वोट मिले.
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2020 का विधानसभा चुनाव
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल के खिलाफ निगेटिव कैंपेन चलाया गया, लेकिन 2015 की तुलना में ये कम रहा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने आतंकी कह दिया था. आप ने इसके बाद मुहिम शुरू कर दी. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में शांति मार्च निकाला. केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा था, अब दिल्लीवालों को तय करना है कि मैं उनका बेटा हूं या आतंकवादी. चुनाव में स्थानीय मुद्दे भारी पड़े और जनता ने फ्री बिजली-पानी पर मुहर दी. इस चुनाव में केजरीवाल पर निजी हमले का भाजपा कोई फायदा होता नहीं दिखा.
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें अपने नाम कर लीं. AAP का वोट शेयर 53.57 प्रतिशत रहा. भाजपा को 8 सीटें मिलीं और उसका वोट शेयर 38.5 प्रतिशत रहा. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला. लेकिन पार्टी को 4.26 प्रतिशत वोट मिले.
MCD चुनाव में सत्येंद्र जैन के खिलाफ निगेटिव कैंपेन
साल 2022 के आखिर में तिहाड़ जेल में बंद AAP नेता सत्येंद्र जैन का मालिश कराने का वीडियो सामने आया. वीडियो में जैन बिस्तर पर लेट कर शरीर की मालिश करा रहे थे. भारतीय जनता पार्टी ने वीडियो सामने आने के बाद खूब निगेटिव कैंपेन चलाया लेकिन उसे दिल्ली के नगर निगम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. वीडियो वायरल होने के बाद AAP ने इसे फिजियोथेरेपी बताया था. तब मनीष सिसोदिया ने बताया था कि डॉक्टर के कहने पर सत्येंद्र जैन ने फिजियोथेरेपी कराई है. उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है, इसलिए फिजियोथेरेपी करानी पड़ी.
भाजपा ने सत्येंद्र जैन के वीडियो को खूब तूल दिया, पार्टी को ये उम्मीद थी कि MCD चुनाव में उसे इसका फायदा मिलेगा, लेकिन फिर एक बार रिजल्ट AAP के पक्ष में गया. वीडियो वायरल होने के बाद सिसोदिया का कहना था कि भाजपा दिल्ली नगर निगम चुनाव हार रही है, इसलिए वह ऐसे हथकंडे अपना रही है. भाजपा पर सिलसिलेवार तरीके से कई वीडियो वायरल करने के आरोप लगे. एक अलग वीडियो में सत्येंद्र जैन को जेल अधीक्षक से मिलते हुए देखा गया, इसके अलावा एक वीडियो में वह जेल में बाकी सुविधाओं का लाभ लेते देखे गए.
MCD चुनाव में भाजपा को नहीं मिला फायदा
दिल्ली MCD पर पिछले 15 साल से बीजेपी काबिज थी. लेकिन वर्ष 2022 में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज कर ली. बीजेपी दूसरे नंबर पर रही, जबकि कांग्रेस तीसरे पायदान पर रही. MCD की 250 सीटों पर 4 दिसंबर 2022 को मतदान हुआ था. इन चुनाव में 250 वार्ड में कुल 1349 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से 382 प्रत्याशी निर्दलीय थे. बीजेपी और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट्स उतारे थे, जबकि कांग्रेस ने 247 उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में उतारे थे. आप ने 250 सीटों में से 134 सीट और भाजपा ने 104 सीट जीती थी. कांग्रेस ने 9 और निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में तीन सीटें गई थीं.
केजरीवाल पर हुए निजी हमले
विज्ञापनों के अलावा भी भाजपा के कई नेता सीएम केजरीवाल पर निजी हमले कर चुके हैं. भाजपा नेता गिरिराज सिंह केजरीवाल को अर्बन नक्सल बता चुके हैं. दिल्ली बीजेपी नेता प्रभात झा केजरीवाल को राजनीतिक नक्सली कह चुके हैं. सुब्रह्मण्यम स्वामी नक्सली कह चुके हैं. बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अरविंद केजरीवाल की तुलना हिटलर से की थी. अरविंद केजरीवाल को अराजक भी कहा गया है.
वर्ष 2013 में आप जब पहली बार सत्ता में आई थी, तब से लेकर अब तक का अगर नेगेटिव कैम्पैनिंग का विश्लेषण करें तो AAP को नुकसान की जगह फायदा ही होता दिखा है. जबकी भाजपा को अरविंद केजरीवाल पर निजी हमले का नुकसान उठाना पड़ा है. भाजपा ने जब-जब हमले किए केजरीवाल वहां विक्टिम कार्ड खेल गए और इसका फायदा उन्हें मिलता रहा. अपने खिलाफ हमले को लेकर केजरीवाल चुनाव आयोग तक जा चुके हैं. वह रैलियों में भाजपा द्वारा किए गए हमलों का जिक्र करके खुद के प्रति सहानुभूति बटोर चुके हैं. जिस तरह पीएम मोदी की अपनी फैन फॉलोइंग है, वैसे ही केजरीवाल के चाहने वाले हैं. दोनों के समर्थक कभी भी अपने नेता के बारे में नकारात्मक बातें नहीं सुनना चाहते. इसलिए अगर भाजपा केजरीवाल पर निजी हमले करने से बचे तो उसे फायदा न हुआ तो शायद नुकसान भी न उठाना पड़े.