भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर सीट से तृणमूल कांग्रेस (TMC) के अभिषेक बनर्जी के खिलाफ अभिजीत दास (बॉबी) को मैदान में उतारा है. मंगलवार को बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल से 42वें और आखिरी उम्मीदवार के नाम की घोषणा की.
इंडिया टुडे से बात करते हुए अभिजीत दास ने कहा, 'अभिषेक बनर्जी के पास कोई अनुभव नहीं है. वह सिर्फ इसलिए यहां हैं क्योंकि उनकी मौसी हैं. क्योंकि वह ममता बनर्जी के भतीजे हैं. अभिषेक ने लंबे समय से यहां लोगों पर अत्याचार किया है. वह यहां पर प्रशासन की मदद से गुंडागर्दी कर रहे हैं. वह आपराधिक मानसिकता के हैं. हम तनाव में हैं क्योंकि प्रशासन उनके नियंत्रण में है, लेकिन हम अपने तरीके से इसके खिलाफ लड़ेंगे. अगर हर व्यक्ति यहां निष्पक्ष रूप से अपना वोट डाल पाएगा तो अभिषेक बनर्जी हार जाएंगे.'
अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं अभिजीत दास
अभिजीत दास मौजूदा समय में राज्य भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति के सह-संयोजक हैं. अभिजीत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े हैं. वह आरएसएस और एबीवीपी के कार्यकर्ता रह चुके हैं. अभिजीत दास दक्षिण 24 परगना की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं. वह एक समय दक्षिण 24 परगना के भाजपा जिला अध्यक्ष थे. दास ने 2014 में भी अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह उस वर्ष हार गए. इससे पहले उन्होंने 2009 में भी बीजेपी के टिकट से डायमंड हार्बर सीट से चुनाव लड़ा था.
संघ परिवार के साथ-साथ सुकांत मजूमदार की थी मांग
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, संघ परिवार के साथ-साथ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने अभिजीत दास को मैदान में उतारने की मांग की थी, लेकिन पार्टी के कुछ लोग चाहते थे कि डायमंड हार्बर में पार्टी का उम्मीदवार बाहर से कोई 'हैवीवेट' आए. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, संघ परिवार का तर्क था कि बॉबी आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता हैं. उन्होंने अलग-अलग समय पर बीजेपी और संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया है. वह डायमंड हार्बर की राजनीति से करीब से जुड़े हुए हैं. इसलिए, अगर कोई अभिषेक से लड़ सकता है, तो वह अभिजीत दास हो सकते हैं.
अभिजीत बहुत कम उम्र में RSS में शामिल हो गए. कुछ वर्षों के बाद वह मुख्य राजनीति में आ गए. अभिजीत 2009 और 2014 में डायमंड हार्बर से भाजपा के उम्मीदवार भी बने. दोनों बार हार गए.