गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नॉमिनेशन निरस्त हो गया था. नीलेश का नॉमिनेशन निरस्त होने और अन्य उम्मीदवारों के अपना नामांकन वापस लेने के बाद इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार मुकेश दलाल का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है. कांग्रेस ने इस सीट पर चुनाव प्रक्रिया निरस्त करने की मांग करते हुए कोर्ट जाने की बात कही थी. पार्टी ने अब नीलेश कुंभानी को लेकर भी सख्त रुख अपना लिया है. कांग्रेस ने नीलेश को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है.
कांग्रेस की अनुशासन समिति ने नीलेश को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निलंबित करने का फैसला लिया है. अनुशासन समिति ने सूरत सीट से नामांकन रद्द होने के लिए नीलेश कुंभानी को जिम्मेदार ठहराया है. अनुशासन समित ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि नामांकन रद्द होना आपकी लापरवाही या फिर बीजेपी के साथ जुड़ाव को दर्शाता है. इसकी वजह से सूरत की जनता से वोट करने का अधिकार छिन गया.
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गौरतलब है कि सूरत सीट से नॉमिनेशन निरस्त होने के बाद से ही निलेश कुंभानी मीडिया के सामने नहीं आए हैं. कांग्रेस के नेताओं का भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. कुंभानी के घर के बाहर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता नीलेश पर बीजेपी के इशारे पर काम करने, बीजेपी से करोड़ों रुपये लेने के आरोप लगा रहे हैं. दावे यह भी किए जा रहे हैं कि नीलेश कभी भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. नीलेश की पत्नी ने ये सभी आरोप और दावे खारिज कर दिए थे.
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नीलेश की पत्नी ने क्या कहा था
नीता कुंभानी ने आजतक से खास बातचीत में सभी आरोप और दावे खारिज करते हुए कहा था कि न तो नीलेश ने बीजेपी से करोड़ों रुपये लिए हैं और ना ही वह कभी बीजेपी में शामिल होंगे. उन्होंने नीलेश के अपने संपर्क में होने का दावा करते हुए कहा था कि वह इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अपने वकील के साथ अहमदाबाद गए हैं.