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चिराग ने अपने जीजा को बनाया जमुई से उम्मीदवार, अब तक पासवान परिवार के 5 सदस्य रह चुके हैं सांसद

रामविलास पासवान परिवार से जुड़े एक और सदस्य की राजनीति में एंट्री हो चुकी है. चिराग ने अपने जीजा अरुण भारती को जमुई से उम्मीदवार बनाया है. वह खुद हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.

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चिराग पासवान ने अपने जीजा अरुण भारती को जमुद संसदीय सीट से लोजपा (रामविलास) का उम्मीदवार बनाया है. (Photo: X/@@iChiragPaswan)
चिराग पासवान ने अपने जीजा अरुण भारती को जमुद संसदीय सीट से लोजपा (रामविलास) का उम्मीदवार बनाया है. (Photo: X/@@iChiragPaswan)

लोकसभा चुनावों के लिए सभी दलों का प्रचार अभियान शुरू हो गया है. बीजेपी के कैम्पेन की कमान पीएम मोदी ने संभाली है. वह अपनी जनसभाओं और रैलियों में लगातार परिवारवाद का मुद्दा उठा रहे हैं. इस बीच बिहार में एनडीए के सहयोगी चिराग पासवान ने अपने जीजा को लोकसभा चुनाव में उतार दिया है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने जमुई लोकसभा सीट से अरुण भारती को उम्मीदवार बनाया है. जमुई सीट से 2014 और 2019 में चिराग पासवान सांसद रह चुके हैं. 

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चिराग ने इस बार जमुई सीट अपने जीजा अरुण भारती के लिए छोड़ने का फैसला किया है. वह खुद हाजीपुर सीट पर शिफ्ट हो गए हैं. हाजीपुर से चिराग के चाचा पशुपति पारस वर्तमान में सांसद हैं. चाचा और भतीजे के बीच की राजनीतिक अदावत सार्वजनिक है. अब ​अरुण भारती के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने के बाद परिवारवाद पर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई है. प्रधानमंत्री परिवारवाद को मुद्दा बना रहे हैं, लेकिन बीजेपी के सहयोगी दलों में यह परिपाटी लंबे समय से चली आ रही है और आज भी प्रचलित है.

रामविलास पासवान के परिवार के 5 सदस्य रहे हैं सांसद

अब तक रामविलास पासवान परिवार के 5 सदस्य लोकसभा सांसद रह चुके हैं. इसमें सबसे पहला नाम खुद रामविलास पासवान का है. वह लोजपा के संस्थापक थे और केंद्र में कई बार मंत्री रहे. रामविलास पासवान 1977 से 2014 के बीच 9 बार लोकसभा के सांसद रहे. वह दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे. रामविलास पासवान के छोटे भाई रामचंद्र पासवान भी 1999, 2004, 2014 और 2019 में लोकसभा सांसद रहे. वर्ष 2019 में रामचंद्र पासवान के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस राज समस्तीपुर से उपचुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे.

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रामविलास के छोटे भाई पशुपति पारस 2019 में लोकसभा सांसद बने. चिराग पासवान खुद 2014 और 2019 में जमुई से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद रहे हैं. अब पासवान परिवार से जुड़े एक और सदस्य की राजनीति में एंट्री हो चुकी है. चिराग पासवान ने बुधवार को अरुण भारती को पार्टी का सिंबल दिया. फिर चिराग अपने जीजा को लेकर जमुई पहुंचे और यहां एनडीए के नेताओं से अरुण भारती का परिचय करवाया और उनके लिए समर्थन मांगा. अरुण भारती ने गुरुवार को जमुई लोकसभा सीट से अपना नामांकन भी दाखिल किया.

चिराग ने जमुई से अपने जीजा अरुण भारती को उतारा

चिराग पासवान ने जमुई की जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं केवल चाहता हूं कि आपने जो आशीर्वाद मुझे दिया है, वही आशीर्वाद आप मेरे जीजा अरुण भारती को भी दीजिए. वह मुझसे बेहतर सांसद साबित होकर जमुई की जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे. आने वाले दिनों में वह मुझसे भी मुखरता से इस क्षेत्र की समस्याओं को संसद में उठाने का काम करेंगे. वह मेरे परिवार के सदस्य हैं और अब आपके परिवार के हैं'. बताया जा रहा है कि अगले दो-तीन दिन चिराग अपने जीजा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जमुई में ही कैंप करेंगे.

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अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जमुई लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने पर चिराग पासवान का आभार व्यक्त करता हूं. सब लोग मिलकर बिहार में 40 की 40 सीट प्रधानमंत्री की झोली में डालेंगे'. दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरीके से उनके चाचा और हाजीपुर सांसद पशुपति पारस और उनके चचेरे सांसद भाई प्रिंस राज ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत करके लोक जनशक्ति पार्टी में टूट डाली थी और फिर नई पार्टी बना ली थी. उसके बाद से चिराग पासवान इस कोशिश में लगे हुए हैं कि जो 2021 में उनकी पार्टी में टूट हुई थी, वैसी घटना भविष्य में न घटे.

इस बार 2019 की गलती नहीं दोहराना चाहते हैं चिराग

लोकसभा चुनाव 2024 में चिराग पासवान की पार्टी को एनडीए में 5 लोकसभा सीटें हाजीपुर, जमुई, खगड़िया, समस्तीपुर और वैशाली मिली हैं. 2019 में चिराग पासवान की पार्टी के 6 सांसद जीते थे. मगर 2021 में पशुपति पारस ने जो बगावत की थी, उसमें लोजपा के चार अन्य सांसद महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज भी उनके साथ हो लिए थे और अलग पार्अी बना ली थी. चिराग पासवान अपनी पार्टी में अकेले सांसद बच गए थे. शायद यही एक मुख्य वजह है कि चिराग इस बार पुरानी गलती नहीं दोहराना चाहते हैं और अपने परिवार के लोगों को टिकट दे रहे हैं ताकि पार्टी में कोई टूट ना हो.

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