कम मतदान और क्षत्रिय समुदाय के लगातार असंतोष ने भारतीय जनता पार्टी को चिंता में डाल दिया है जिसके चलते अब पार्टी के शीर्ष राजपूत नेताओं को समुदाय को शांत करने के लिए फिर से भेजा गया है. सूत्रों ने पुष्टि की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फतेहपुर सीकरी और आगरा भेजा जाएगा, जहां क्षत्रिय (राजपूत) मतदाता बड़ी संख्या में हैं.
फतेहपुर सीकरी में अच्छी खासी संख्या होने के बावजूद बीजेपी ने इस बार क्षत्रियों को टिकट नहीं दिया. क्षेत्र में क्षत्रिय समुदाय सबसे बड़ा मतदाता वर्ग है, इसके बावजूद राजकुमार चाहर (जाट) को फिर से टिकट दिया गया है.
इंडिया ब्लॉक ने उतारा क्षत्रिय उम्मीदवार
असंतोष को एक अवसर के रूप में देखते हुए इंडिया ब्लॉक ने क्षेत्र से क्षत्रिय उम्मीदवार रामनाथ सिकरवार को मैदान में उतारा है. कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा 3 मई को सिकरवार के समर्थन में रैली करेंगी. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण उम्मीदवार रामनिवास शर्मा को टिकट दिया है. इस निर्वाचन क्षेत्र में 7 मई को मतदान होना है.
निर्णायक होंगे क्षत्रिय मतदाता
जिला करणी सेना के सचिव कमलेंद्र तोमर ने कहा, 'सीट बनने के बाद से भाजपा ने एक भी क्षत्रिय उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. इसलिए फतेहपुर सीकरी और आगरा में भी समुदाय के बीच असंतोष है.' तीसरे चरण के चुनाव में फतेहपुर सीकरी में साढ़े 3 लाख क्षत्रिय मतदाता निर्णायक होंगे.
'हमारा लक्ष्य राष्ट्र निर्माण, न कि सिर्फ चुनाव लड़ना'
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में कहा था कि 'हमारी पार्टी जातियों की राजनीति का पालन नहीं करती है. कुछ चुनावों में, कुछ समुदायों को अधिक टिकट मिलते हैं, कुछ को कम लेकिन हमारा लक्ष्य राष्ट्र निर्माण है, न कि केवल चुनाव लड़ना.'
राजपूत बहुल क्षेत्र गाजियाबाद में जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह (राजपूत) की जगह एके गर्ग (बनिया) को टिकट देने और फिर मंत्री परषोत्तम रूपाला के बयान से क्षत्रियों में पहले से अंसतोष देखा जा रहा है.