कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है. वहीं पार्टी ने दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और गोवा में आम आदमी पार्टी के साथ हाथ मिलाया है. गठबंधन के कारण यूपी में कई ऐसी सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई हैं, जहां से कांग्रेस पूर्व में चुनाव लड़ती रही है. गुजरात में भरूच सीट भी AAP के खाते में चली गई है. इसे लेकर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी सामने आई है. ये नेता विकल्प भी तलाशने में जुट गए हैं. गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल की बेटी गुमताज पटेल को उम्मीद थी कि पार्टी भरूच से उन्हें या उनके भाई फैसल को अपना लोकसभा उम्मीदवार बनाएगी.
लेकिन कांग्रेस ने यह सीट आम आदमी पार्टी के लिए छोड़ दी है. बता दें कि भरूच अहमद पटेल की पारंपरिक सीट रही है. वह यहां से 3 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं. कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन का ऐलान होने के बाद मुमताज पटेल ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, 'गठबंधन में भरूच लोकसभा सीट सुरक्षित नहीं कर पाने के लिए हमारे जिला कैडर से दिल की गहराइयों से माफी मांगती हूं. मैं आपकी निराशा समझ सकती हूं. साथ मिलकर, हम कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए फिर से संगठित होंगे. हम अहमद पटेल की 45 साल की विरासत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे'.
Deeply apologize to Our district cadre for not being able to secure the Bharuch Lok Sabha seat in alliance.I share your disappointment.Together, we will regroup to make @INCIndia stronger .We won’t let @ahmedpatel 45 years of Legacy go in vain. #bharuchkibeti
— Mumtaz Patel (@mumtazpatels) February 24, 2024
इसी तरह यूपी की फर्रुखाबाद सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन इस बार यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है. इसे लेकर सलमान खुर्शीद की नाराजगी सामने आई है. उन्होंने अपने X हैंडल से किए एक पोस्ट में लिखा, 'फ़र्रुखाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं, पर हमारे सब के मुस्तकबिल का है. आने वाली नस्लों का है. किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं. टूट सकता हूं, झुकूंगा नहीं. तुम साथ देनेका वादा करो, मैं नगमे सुनाता रहूं'. बता दें कि खुर्शीद फर्रुखाबाद से 1991 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. उन्हें 2014 और 2019 के चुनावों में इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था.
फ़र्रुख़ाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं पर हमारे सब के मुस्तक़ाबिल का है, आने वाली नस्लों का है। क़िस्मत के फ़ैसलों के सामने कभी झुका नहीं । टूट सकता हूँ , झुकूँ गा नहीं। तुम साथ देनेका वादा करो, मैं नघमे सुनाता रहूँ
— Salman Khurshid (@salman7khurshid) February 23, 2024
इसी तरह लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट से कांग्रेस के रवि वर्मा अपनी बेटी पूर्वी वर्मा को टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन गठबंधन के तहत यह सीट सपा के खाते में चली गई. बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री नकुल दुबे सीतापुर और लखनऊ सीटों में से किसी एक पर टिकट की आस लगाए बैठे थे. लखनऊ सीट सपा के पास चली गई है. वहीं सीतापुर से कांग्रेस पूर्व विधायक राकेश राठौर को उतारने की तैयारी में है. पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी जालौन से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन यह सीट भी सपा ने ले ली है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में डील फाइनल, इन 4 सीटों पर लड़ेगी AAP, चांदनी चौक समेत ये 3 सीटें कांग्रेस के खाते में
इसी तरह कांग्रेस नेता राजेश पति मिश्र भदोही से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन यह सीट भी समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई. बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए नसीमुद्दीन सिद्दीकी गोंडा सीट पर दावा ठोक रहे थे. लेकिन यहां से सपा लड़ेगी. बिजनौर सीट से कांग्रेस के इमरान मसूद लड़ना चाहते थे. लेकिन यह सीट भी समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है. कांग्रेस यूपी में सपा के साथ गठबंधन में जिन 17 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी उनमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलदंशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया शामिल हैं.