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दिल्ली में कांग्रेस की भी सभी सात सीटों पर तैयारी? AAP के फॉर्मूले पर क्या बोले कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली

आम चुनाव से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तनातनी बढ़ गई है. AAP के बाद कांग्रेस ने भी ऐलान कर दिया है कि उसने सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी है और पार्टी बेहतर स्थिति में है. हालांकि, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, उस पर आगे बढ़ा जाएगा.

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दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली.
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली.

आम चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का पेंच उलझता जा रहा है. दिल्ली में एक दिन पहले AAP के फॉर्मूले पर कांग्रेस ने जवाब दिया है. कांग्रेस का कहना है कि हमने भी सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी है. अन्य पार्टियों की तुलना में भी कांग्रेस दिल्ली में बेहतर स्थिति में है. इन सभी लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने बैठकें और रैलियां की हैं. हालांकि, अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा.

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बता दें कि मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को लेकर अपना रुख साफ किया है. दिल्ली की सत्ता में काबिज AAP का कहना है कि हमने दिल्ली में छह सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है. जबकि एक सीट कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं. AAP सांसद संदीप पाठक ने कहा, योग्यता के आधार पर कांग्रेस पार्टी दिल्ली में एक भी सीट की हकदार नहीं है, लेकिन 'गठबंधन के धर्म' को ध्यान में रखते हुए हम उन्हें एक सीट की पेशकश कर रहे हैं. हम कांग्रेस पार्टी को एक सीट पर और AAP को छह सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव देते हैं. जल्द ही हम अपने सभी 6 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर देंगे.

'तीन महीने से तैयारी कर रही है कांग्रेस'

AAP की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने भी तेवर दिखाए हैं. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा, जहां तक ​​दिल्ली में कांग्रेस की बात है तो पिछले चुनाव में भी हमारी पार्टी ने किसी भी अन्य पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया था. हम 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर थे. इस बार भी यहां तीन राजनीतिक पार्टियां हैं. इनमें से सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने पिछले तीन महीनों में सभी सात लोकसभा सीटों के इलाकों में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है. पांच लोकसभा क्षेत्रों में बड़ी सार्वजनिक रैलियां की हैं. अन्य पार्टियों की तुलना में कांग्रेस बेहतर स्थिति में तैयार है.

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'पार्टी हाईकमान तय करेगा'

लवली ने आगे कहा, इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है. देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस सभी छोटी पार्टियों को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहती है. हमारे कार्यकर्ता सभी 7 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. हालांकि पार्टी आलाकमान और अलायंस कमेटी जो भी तय करेगी, दिल्ली कांग्रेस यूनिट उसके अनुरूप काम करेगी.

'दिल्ली में खोई जमीन तलाश रही है कांग्रेस'

बताते चलें कि दिल्ली में पिछले चुनावों में AAP का मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला है. उसने अधिकांश विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके विपरीत कांग्रेस कई चुनावी असफलताओं का सामना करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में फिर से अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है. AAP नेता पाठक का कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में शून्य सीटें मिली थीं. एमसीडी चुनाव में कांग्रेस ने 250 में से 9 सीटें जीती थीं.

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'सीट शेयरिंग पर नहीं बन पा रही बात'

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सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती चर्चा में दिल्ली में AAP और कांग्रेस के बीच 4:3 के सीट बंटवारे फॉर्मूले का सुझाव दिया गया, जिसमें कांग्रेस को चार और AAP को तीन सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कहा जा रहा है. हालांकि, पाठक के बयान से संकेत मिलता है कि दोनों पार्टियां सहमति तक नहीं पहुंच पाई हैं.

'पंजाब में भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान'

2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस और AAP खाली हाथ रह गए थे. AAP की यह पेशकश विशेष रूप से पंजाब में चल रही असहमति के बीच आई है. वहां कांग्रेस ने सत्तारूढ़ AAP द्वारा ठुकराए जाने के बाद अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. कांग्रेस और AAP सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे.

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एक लोकसभा सीट चंडीगढ़ में भी है. वहां भी बीजेपी का कब्जा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शनिवार को एक रैली में कहा था कि इन सभी 14 सीटों पर AAP जीत दर्ज करेगी. अगले 10-15 दिनों में AAP इन सभी 14 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी.  

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दरअसल, दोनों पार्टियों के बीच सीट-बंटवारे की बातचीत AAP की हरियाणा और गोवा जैसे अन्य राज्यों में सीटों की मांग से और ज्यादा जटिल हो गई है. कांग्रेस इसके पक्ष में नहीं है. गुजरात और गोवा में अब तक कांग्रेस और बीजेपी के मुकाबला होते आया है.
 

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