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राहुल-प्रियंका की उम्मीदवारी पर सस्पेंस बरकरार, कांग्रेस CEC में नहीं हुआ फैसला, अब खड़गे के पाले में गेंद

दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो रही है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की इस अहम बैठक में यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवारों के नाम को लेकर फैसला हो सकता है. अमेठी और रायबरेली के लिए नामांकन 26 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं.

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कांग्रेस CEC की बैठक
कांग्रेस CEC की बैठक

राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (Central Election Committee) की बैठक हुई.इसमें अमेठी और रायबरेली से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया गया है. सीईसी के सदस्यों, यूपी के प्रभारी महासचिव और विधायक दल की नेता ने भी उम्मीदवार बनाने अनुरोध किया है. हालांकि इस पर आखिरी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ा गया है. सीईसी की बैठक में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, प्रताप सिंह बाजवा और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग समेत कई दिग्गज शामिल हुए.

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पीटीआई के मुताबिक उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को हुई बैठक में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अमेठी और रायबरेली से मैदान में उतारने का आग्रह किया. सूत्रों ने बताया कि यूपी में पार्टी मामलों के AICC प्रभारी अविनाश पांडे और राज्य में सीएलपी नेता आराधना मिश्रा ने मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से इन दोनों सीटों पर राहुल और प्रियंका गांधी को टिकट देने का आग्रह किया.

खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं के विचारों का समर्थन किया और निर्णय शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ दिया. सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर फैसला एक-दो दिन में हो जाएगा. ऐसी अटकलें हैं कि राहुल गांधी को अमेठी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है. सीईसी की बैठक के दौरान पंजाब की शेष पांच सीटों के लिए लोकसभा उम्मीदवारों पर भी चर्चा की गई.

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सीईसी की एक और बैठक पंजाब पर होने की संभावना है, जिस पर फिलहाल आम सहमति नहीं बन सकी है, हालांकि सभी सीटों पर चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी जल्द ही गुरुग्राम लोकसभा सीट के लिए भी अपने फैसले की घोषणा करेगी.
 

 

 

 

अमेठी लोकसभा सीट का इतिहास 

अमेठी उत्तर प्रदेश का 72वां जिला है जिसे बहुजन समाज पार्टी सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई 2010 को अस्तित्व में लाया गया था. शुरुआत में इसका नाम छत्रपति साहूजी महाराज नगर था लेकिन इसे बदलकर अमेठी कर दिया गया. यह भारत के नेहरू-गांधी परिवार की राजनैतिक कर्मभूमि रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, उनके पोते संजय गांधी, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने इस जिले का प्रतिनिधित्व किया है. 2014 आम चुनाव में राहुल गांधी यहां से सांसद चुने गए लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी ने पराजित कर दिया.

रायबरेली सीट का इतिहास

निर्वाचन क्षेत्र के रूप में रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है. ये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है और 1999 से लगातार पांचवीं बार सोनिया गांधी यहां से सांसद चुनी गईं. यहां से तीन बार कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. रायबरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधान सभा क्षेत्र आते हैं. 2011 जनगणना के मुताबिक लगभग 35 लाख जनसंख्या वाले इस जिले में प्रति वर्ग किलोमीटर 739 लोग रहते हैं. रायबरेली की 67.25 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 77.63 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 56.29 फीसदी है.

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