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कांग्रेस ने डीके सुरेश पर फिर जताया भरोसा, बेंगलुरु ग्रामीण संसदीय सीट से बनाया उम्मीदवार, जानें उनके बारे में

डीके ​सुरेश का जन्म 18 दिसंबर 1966 को रामनगर जिले के डोड्डालहल्ली में केम्पेगौड़ा और गौरम्मा के घर हुआ था. वह कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के छोटे भाई हैं.

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कांग्रेस ने डीके सुरेश को बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. (ANI Photo)
कांग्रेस ने डीके सुरेश को बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. (ANI Photo)

कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 39 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट घोषित कर दी है. इसमें कर्नाटक की 7 सीटों के लिए भी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया है. कांग्रेस ने बेंगलुरु ग्रामीण सीट से एक बार फिर डीके सुरेश (डोड्डालहल्ली केम्पेगौड़ा सुरेश) को अपना उम्मीदवार बनाया है. वह वर्तमान में यहां के सांसद हैं. उन्होंने 2019 में बीजेपी के अश्वथ नारायण गौड़ा को करीब 2 लाख वोटों के अंतर से हराया था.

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डीके ​सुरेश का जन्म 18 दिसंबर 1966 को रामनगर जिले के डोड्डालहल्ली में केम्पेगौड़ा और गौरम्मा के घर हुआ था. वह कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के छोटे भाई हैं. सुरेश ने हायर सेकेंडरी तक शिक्षा प्राप्त की है. राजनीति में आने से पहले पेशे से वह एक किसान और व्यवसायी थे. राजनीति में उनकी एंट्री 2013 में हुई थी. तब मौजूदा सांसद एच. डी. कुमारस्वामी के इस्तीफे के बाद बेंगलुरु ग्रामीण सीट खाली हुई थी. 21 मई 2013 को हुए उप-चुनाव में डीके सुरेश ने यहां से जीत दर्ज की और 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने 2014 में भी बेंगलुरु ग्रामीण सीट से जीत दर्ज की थी.

डीके सुरेश ने 2019 के चुनावी हलफनामे में अपनी चल और अचल संपत्ति 338 करोड़ रुपये बताई थी. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान इलेक्शन कमीशन के पास जमा कराए गए एफिडेविट में सुरेश ने अपनी संपत्ति 85.87 करोड़ रुपये बताई थी. यानी 2014 से 2019 तक पांच साल के दौरान उनकी संपत्ति तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई. डीके सुरेश ने हाल ही में दक्षिण भारत को 'अलग देश' बनाने की मांग करके विवादों को जन्म दे दिया था. उन्होंने कहा था कि केंद्रीय बजट में दक्षिण भारतीय राज्यों के साथ अन्याय किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा था, 'जो फंड दक्षिण तक पहुंचना चाहिए, उसे डायवर्ट कर उत्तर भारत में बांटा जा रहा है. हिंदी बेल्ट ने दक्षिण भारत पर जो स्थिति थोप दी है, उसे देखते हुए अपने लिए अलग देश की मांग करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं दिखता'. उनके इस बयान की भाजपा ने कड़ी आलोचना की थी. बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा था कि कांग्रेस का इतिहास 'फूट डालो और राज करो' का रहा है. उसके सांसद डीके सुरेश भी पार्टी की इसी नीति का पालन कर रहे हैं. वह भारत को उत्तर और दक्षिण में बांटना चाहते हैं.
 

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