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'मेरी शहीद दादी, शहीद पिता को देशद्रोही बोलेंगे तो क्या मैं चुप रहूंगी', बोलीं प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'मोदी जी इंटरव्यू में वोटों के लिए रोते हैं, वो इमोशनल पिच नहीं है, हम बोलते हैं तो इमोशनल कहा जाता है. हम तो सच्चाई कह रहे हैं. मैं तो 19 साल की उम्र अपने पिता टुकड़े घर लाई हूं. मैं क्यों ना बोलूं.'

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने मौजूदा चुनावी मुद्दों और कांग्रेस पर लगने वाले आरोपों पर आजतक से खुलकर बात की. इंडिया टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि हमारे परिवार के बारे में जितने भी अपशब्द बोले जाएं, उस पर हम चुप रहें. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'आप चाहते हैं कि आप हमारे शहीद पिता और दादी को देशद्रोही कहें और हम चुप रहें. ये तो आपके फायदे की बात है.'

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प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे परिवार ने अगर देश के लिए कुर्बानी दी है, तो क्या हमको शर्म आनी चाहिए? हम क्यों चुप रहें, मैं बोलूंगी. मुझे बहुत गर्व है कि मेरी दादी जी ने देश के लिए 33 गोलियां खाई हैं, इस देश के लिए मेरे पिता जी शहीद हुए हैं, मैं बोलूंगी.

'19 साल की उम्र में अपने पिता के टुकड़े लाई'

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'मोदी जी किसी भी इंटरव्यू में वोटों को लेने के लिए रो जाते हैं, क्या वो इमोशनल पिच नहीं है, हम बोलते हैं तो इमोशनल पिच कहा जाता है. हम तो सच्चाई कह रहे हैं. मैं तो 19 साल की उम्र में अपने पिता के टुकड़े घर लाई थी. मैं क्यों ना बोलूं.'

उन्होंने बीजेपी के बयानों का जिक्र करते हुए कहा, 'आप बोलेंगे कि मेरे पिता जी ने कानून बदले, इंदिरा जी की विरासत को बिना टैक्स के लेने के लिए कानून बदले...क्या बकवास है. आप झूठ पर झूठ फैलाएं और हम चुप रहें? मुझे अपने परिवार पर बहुत गर्व है और मुझे बिल्कुल कोई शर्मिंदा नहीं करेगा.'

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'हमारे साथ गांव वालों से रिश्ता, मोदी जी नहीं समझ पाएंगे...'

प्रियंका गांधी ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं गांव-गांव में जाती हूं. गांव की एक महिला ने मुझे रोका. मैं रुकी और खिड़की के बाहर दोनों हाथों को निकालकर वो मेरे सिर पर रखकर बोली- विजयी भवः, मुझे रोना आ गया क्योंकि इनके साथ हमारा ये रिश्ता है. ये रिश्ता मोदी जी कभी नहीं समझ पाएंगे. जब हम संकट में रहे हैं, तो अमेठी और रायबरेली की जनता हमारे साथ खड़ी रही है. हम ये बिल्कुल नहीं भूल सकते.'

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