लोकसभा चुनाव का समय करीब आता जा रहा है और इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती जा रही है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) ने कांग्रेस को 17 सीटों का फाइनल ऑफर दे दिया है. राहुल गांधी की मणिपुर से मुंबई तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में ही है और इस यात्रा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी शामिल होना था. अब सपा ने सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए अब यह साफ कह दिया है कि गठबंधन फाइनल नहीं होने तक अखिलेश यादव राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं होंगे.
सपा के इस अल्टीमेटम के बाद दोनों दलों के नेताओं के बीच देर रात तक बातचीत चलती रही. हालांकि, यह बैठक भी बेनतीजा रही. कांग्रेस और सपा, दोनों दलों के बीच बलिया, बिजनौर और मुरादाबाद सीट पर पेच फंसा है. इन सबके बीच अब इसे लेकर कांग्रेस का बयान आया है. कांग्रेस के राज्यसभा नेता जयराम रमेश ने सपा के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है. उन्होंने सपा के साथ जारी बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा है कि बातचीत को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
जयराम रमेश ने यह भी कहा है कि गठबंधन लेन और देन का सवाल होता है. उन्होंने कहा कि हर पार्टी कुछ लेना चाहती है लेकिन बदले में उसे कुछ देना भी पड़ता है. जयराम रमेश ने पिछले दो दिनों से तल्ख सपा के तेवरों के बीच यह भी दावा किया है कि सपा और कांग्रेस, दोनों ही दल गठबंधन को लेकर सकारात्मक हैं. उन्होंने सीटों का मसला जल्द सुलझा लिए जाने का दावा किया. जयराम रमेश का बयान अखिलेश के उस बयान के ठीक अगले दिन आया है जब सपा प्रमुख ने दो टूक कह दिया था कि गठबंधन फाइनल नहीं हुआ तो वह राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं होंगे.
इन तीन सीटों पर फंसा है पेच
सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें देने का प्रस्ताव दिया है. सपा यूपी में कांग्रेस के लिए गांधी परिवार का गढ़ रहीं अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट के साथ ही वाराणसी, प्रयागराज, देवरिया, बांसगांव, महाराजगंज, बाराबंकी, कानपुर, झांसी, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हाथरस और सहारनपुर की सीट छोड़ने के लिए तैयार है. लेकिन पेच तीन सीटों पर फंस रहा है.
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कांग्रेस बलिया, बिजनौर के साथ ही मुरादाबाद सीट भी अपने कोटे में चाहती है. यूपी कांग्रेस बलिया सीट से अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को उतारना चाहती है जबकि मुरादाबाद की सीट फिलहाल सपा के कब्जे में है. सपा ये तीन सीटें छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. अब देखना होगा कि जयराम रमेश जिस लेन-देन की बात कर रहे हैं, उसके तहत कांग्रेस क्या ले पाती है और क्या देती है.