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कौन होगा INDIA गठबंधन का PM उम्मीदवार? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया ये जवाब

लोकसभा चुनाव में एनडीए के 400 से अधिक सीटें जीतने के मोदी के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खड़गे ने कहा, "सौभाग्य से, उन्होंने अब की बार 600 पार नहीं कहा है. यह अहंकारी प्रचार, विपक्ष को कमजोर करना और यह दर्शाना कि सब कुछ मैं ही हूं, दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां तक कि जिन नेताओं को सत्ता में आने का भरोसा है, वे भी इस तरह नहीं बोलेंगे."

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (फाइल फोटो)
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश को जाति, धर्म, पंथ के आधार पर बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को उन्हें ''टुकड़े-टुकड़े गैंग का असली सुल्तान'' बताया. खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी पहले से ही सभी सचिवों को बुलाकर अगले पांच साल के लिए कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं और दावा किया कि इस तरह का अति आत्मविश्वास और अहंकार देश और लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.

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INDIA ब्लॉक का प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इस पर खड़गे ने कहा कि पहले हमें चुनाव जीतने की जरूरत है. यह लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद ही तय होगा. पीटीआई को दिए इंटरव्यू में खड़गे ने कहा, "टुकड़े-टुकड़े गैंग के असली सुल्तान मोदी हैं. वह देश को जाति, धर्म, पंथ के आधार पर बांट रहे हैं. हमारा दृढ़ विश्वास है कि हर क्षेत्र और हिस्सा भारत है, चाहे वह कश्मीर हो, उत्तर-पूर्व हो. हमने इसके लिए लड़ाई लड़ी है. इन क्षेत्रों में हमने इस देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है. भाजपा ने क्या किया है?'' 

यह सवाल करते हुए कि क्या आरएसएस या भाजपा से किसी ने इस देश के लिए लड़ाई लड़ी, उन्होंने कहा, "हमने (कांग्रेस) आजादी के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया है. वह (मोदी) आते हैं और दावा करते हैं कि उन्होंने सब कुछ किया है. वह ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे कि (वह) ही हों भारत के सुल्तान. देश को एकजुट करने में आपका क्या योगदान है? नेहरू परिवार जेल गया. मुझे भाजपा या आरएसएस का एक भी व्यक्ति दिखाओ जिसने इस देश की आजादी के लिए कुछ भी बलिदान दिया हो."

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बता दें कि मैसूरु में एनडीए की एक रैली को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने रविवार को कांग्रेस को "टुकड़े-टुकड़े गैंग का सुल्तान" कहा था, क्योंकि उन्होंने विपक्षी दल पर देश को बांटने, तोड़ने और कमजोर करने का खतरनाक इरादा रखने का आरोप लगाया था.

लोकसभा चुनाव में एनडीए के 400 से अधिक सीटें जीतने के मोदी के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खड़गे ने कहा, "सौभाग्य से, उन्होंने अब की बार 600 पार नहीं कहा है. यह अहंकारी प्रचार, विपक्ष को कमजोर करना और यह दर्शाना कि सब कुछ मैं ही हूं, दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां तक कि जिन नेताओं को सत्ता में आने का भरोसा है, वे भी इस तरह नहीं बोलेंगे."

यह दावा करते हुए कि 2004 में भी ऐसी ही स्थिति थी, जब भाजपा ने दर्शाया था कि भारत चमक रहा है और अटल बिहारी वाजपेयी सबसे उपयुक्त प्रधानमंत्री थे, एआईसीसी प्रमुख ने कहा, "फिर क्या हुआ? मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनी थी. (सिंह) एक बेहतर प्रधानमंत्री के रूप में उभरे. हमने अर्थव्यवस्था में तेजी देखी. उस समय बहुत सारी नीतियां और कार्यक्रम बने और वह एक बेहतर प्रशासक थे.''

उन्होंने कहा, "आपको भारतीय लोकतंत्र को कमजोर नहीं करना चाहिए. भारतीय मतदाता बहुत चतुर है. वह (मोदी) हर किसी को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. यदि समान अवसर दिया जाता है, तो आप 2004 के परिणामों को दोहराते हुए देखेंगे."

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यह कहते हुए कि किसी गठबंधन में चर्चा और विचार-विमर्श के माध्यम से आम सहमति बनाई जाती है, खड़गे ने कहा कि नतीजे आने के बाद भारतीय गठबंधन इस बात पर चर्चा करेगा कि इसका नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त व्यक्ति कौन है.

यह बताते हुए कि उन्होंने कहा है कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, खड़गे ने कहा, "कलबुर्गी (गुलबर्गा) में मेरी सीट पहले ही ले ली गई है." खड़गे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि गुलबर्गा (कालाबुरागी) लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जहां से खड़गे ने 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था. अनुभवी नेता 2019 में भाजपा के उमेश जाधव से सीट हार गए थे.

नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ों अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस उम्मीदवारों के बारे में उन्होंने कहा कि वहां चुनाव बाद के चरणों में होंगे और इसलिए अभी भी समय है. उन्होंने कहा कि देखते हैं क्या होगा. हम उचित समय पर बताएंगे. मेरे पत्ते खोलना अच्छा नहीं है. राजनीति में, कुछ आश्चर्य होना जरूरी है. हम चर्चा करेंगे, हम विचार-विमर्श करेंगे और हम प्रतिक्रिया लेंगे. वहां कांग्रेस पार्टी में यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और उचित समय पर हम फैसला लेंगे. यह बीपीपी की तरह नहीं है जहां हर चीज के लिए अंतिम फैसला मोदी का होता है.

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