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अरविंदर सिंह लवली का दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा, लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका

दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके पीछे उन्होंने दिल्ली के कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया को जिम्मेदार ठहराया है. लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष को एक चिट्ठी भी लिखी है.

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Arvinder Singh Lovely (File Photo)
Arvinder Singh Lovely (File Photo)

लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ अनबन के चलते पद छोड़ा है.

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दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है. लवली के मुताबिक, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है. इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं.

लवली ने अपने लेटर में लिखा,'यह पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं. मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं. इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता. दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों पर एकतरफा दिल्ली के प्रभारी (दीपक बाबरिया) रोक लगा देते हैं. जब से मुझे दिल्ली का पार्टी चीफ बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं है.'

ब्लॉक प्रभारी नियुक्त नहीं करने दिए

अरविंदर सिंह लवली ने पत्र में लिखा है कि मैंने एक अनुभवी नेता को मीडिया प्रभारी के रूप में नियुक्ति के लिए अनुरोध किया, लेकिन दिल्ली प्रभारी ने इसे खारिज कर दिया. दिल्ली प्रभारी ने अब तक ब्लॉक प्रभारी नियुक्त करने की अनुमति भी नहीं दी है. इसके कारण ही अब तक दिल्ली के 150 ब्लॉक में प्रभारियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है.

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पार्टी के हर फैसले का सम्मान किया

उन्होंने आगे लिखा,'दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस के खिलाफ झूठ बोलकर, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर बनी थी. जिस पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री इस समय भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं. इसके बाद भी पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया. हालांकि, हमने पार्टी के अंतिम फैसले का सम्मान किया. मैंने न केवल सार्वजनिक रूप से इस निर्णय का समर्थन किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश के मुताबिक ही काम करे. दिल्ली प्रभारी के निर्देश पर मैं अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की रात सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ उनके (केजरीवाल) घर भी गया. हालांकि, इस मुद्दे पर मेरा मत बिल्कुल अलग था.'

खुद वापस ले ली अपनी दावेदारी

लवली ने आगे लिखा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस को आम चुनाव में लड़ने के लिए 3 संसदीय सीटें मिलीं. समाचार के जरिए जब मुझे कम सीटें मिलने की बात पता चली तो मैंने पार्टी के हित में यह सुनिश्चित किया कि टिकट दूसरे सीनियर नेताओं को मिल सके. मैंने सार्वजनिक रूप से अपना नाम वापस ले लिया और संभावित उम्मीदवार के रूप में विचार किए जाने से इनकार कर दिया. इन 3 सीटों में से सभी पर्यवेक्षकों और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों को खारिज करते हुए, उत्तर-पश्चिम दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीटें 2 उम्मीदवारों को दे दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों के लिए पूरी तरह से अजनबी थे.

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