तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख के चंद्रशेखर राव पर चुनाव आयोग ने एक्शन लिया है. आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केसीआर को नोटिस जारी किया है. इसमें केसीआर पर लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर 48 घंटे के लिए प्रचार पर बैन लगा दिया गया है.
तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी. निरंजन द्वारा 6 अप्रैल को दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, केसीआर ने कथित तौर पर कांग्रेस को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. शिकायत के बाद आरोपों की जांच करने वाले मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट सौंपी. आयोग ने 16 अप्रैल को केसीआर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
हालांकि, केसीआर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उनके तेलुगु भाषण के अंग्रेजी अनुवाद को तोड़-मरोड़कर पेश किया है. बीआरएस प्रमुख ने नोटिस के जवाब में चुनाव आयोग को बताया था, "तेलंगाना और सिरसिला में चुनाव के प्रभारी अधिकारी तेलुगु लोग नहीं हैं और वे तेलुगु की स्थानीय बोली को मुश्किल से समझते हैं. कांग्रेस पार्टी द्वारा उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ वाक्यों का अलग मतलब निकालकर शिकायत की गई है. वाक्यों का अंग्रेजी अनुवाद यह सही नहीं है और इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.''
चुनाव आयोग ने दस्तावेजों और भाषण विवरणों का विश्लेषण करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि केसीआर ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है और उन्हें बुधवार को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया.
अपने आदेश में आयोग ने कहा, "आयोग, बीआरएस के अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव को चुनाव आचार सहिंता उल्लंघनों से संबंधित मामले में जारी किए गए या भविष्य में जारी किए जाने वाले किसी भी आदेश/नोटिस पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, 5 अप्रैल को सिरसिला में उनकी प्रेस वार्ता के दौरान उनके द्वारा दिए गए विवादित बयान की कड़ी निंदा करता है. तदनुसार, आयोग, भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 और इस संबंध में सक्षम अन्य सभी शक्तियों के तहत, बीआरएस के अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव को किसी भी सार्वजनिक बैठक, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैलियां, शो और साक्षात्कार आयोजित करने से 1 मई रात 8 बजे से 48 घंटों के लिए रोक लगाता है."