दिल्ली चुनाव आयोग ने कांग्रेस लीडर सुप्रिया श्रीनेत और बीजेपी नेता दिलीप घोष को चेतावनी दी है. आयोग ने कहा कि दोनों नेताओं के बयानों पर नजर रखी जाएगी. आयोग ने आश्वस्त किया कि दोनों नेताओं ने निम्न-स्तरीय व्यक्तिगत हमला करते हुए आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. चुनाव आयोग ने सुप्रिया और दिलीप को आदर्श आचार संहिता के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी है.
आयोग ने नैतिक आचार संहिता (MCC) उल्लंघनों पर उन्हें जारी किए गए नोटिस का जवाब मिलने के बाद अपने आदेश में कहा कि वे आश्वस्त हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत हमला किया और इस तरह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया. उन्हें आदर्श आचार संहिता के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है. अगली बार उनके चुनाव संबंधी भाषणों पर आयोग द्वारा विशेष और अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी.
बता दें कि चेतावनी नोटिस की एक कॉपी पार्टी अध्यक्षों को भी भेजी जाती है, जिससे वे अपने पदाधिकारियों को पब्लिक डोमेन में स्पीच देते वक्त सावधान रहने और ऐसी किसी भी अपमानजनक टिप्पणी और MCC दिशानिर्देशों के उल्लंघन से बचने के लिए जागरूक कर सकें.
सुप्रिया श्रीनेत विवादों में क्यों?
कांग्रेस लीडर सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की गई थी. बता दें कि कंगना को बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए हिमाचल प्रदेश के मंडी से अपना उम्मीदवार बनाया है. टिप्पणी से हुए विवाद के बाद सुप्रिया श्रीनेत ने अपने सभी सोशल अकाउंट्स से विवादास्पद बयान को हटाया. इसके साथ ही सुप्रिया ने दावा किया कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट से की गई विवादास्पद पोस्ट उन्होंने नहीं, बल्कि किसी और ने की थी. क्योंकि उनके अकाउंट का एक्सेस कई लोगों के पास है.
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ममत बनर्जी को लेकर विवादित बोल
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने अपने बयान में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के पारिवारिक बैकग्राउंड के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी. विवाद बढ़ने पर उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधने वाली अपने विवादास्पद बयानों को लेकर माफी भी मांगी थी.