चुनाव आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को राज्य में चुनाव के बाद हिंसा को लेकर व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण देने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली तलब किया है. चुनाव के बाद अशांति को रोकने में स्थानीय प्रशासन की विफलता पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है.
एएनआई के मुताबिक चुनाव आयोग ने अधिकारियों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में हुई खामियों और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लागू किए जाने वाले एहतियाती उपायों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है.
चुनाव आयोग ने आचार संहिता के पालन और शांति सुनिश्चित करने के लिए कठोर कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया. चुनाव आयोग ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद से मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार शांतिपूर्ण और हिंसा मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से चुनाव क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं. बता दें कि सोमवार को आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में चुनाव के बाद हिंसा की सूचना मिली थी.
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण यानी 13 मई को तेनाली से वाईएसआरसीपी विधायक अन्नबत्तुला शिवकुमार ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में एक मतदान केंद्र पर कतार में खड़े एक मतदाता के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी. उन्होंने दावा किया कि वह आदमी नशे में था, उसने उनके खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी की और उन्हें तथा उनकी पत्नी को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहा था.
13 मई को यहां आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले में नरसरावपेट म्यूनिसिपल हाई स्कूल मतदान केंद्र के पास वाईएसआरसीपी और टीडीपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रबर की गोलियां चलाईं. बता दें कि आंध्र प्रदेश विधानसभा की सभी 175 सीटों के लिए सोमवार को लोकसभा चुनाव के साथ मतदान हुआ था. सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी सभी 175 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जबकि एनडीए गठबंधन के रूप में टीडीपी 144 विधानसभा सीटों पर, जनसेना 21 पर और भाजपा 10 पर चुनाव लड़ रही है. 2019 के चुनाव में वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश में भारी जीत दर्ज की थी.