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BJP सांसद पीसी मोहन की पार्टी समर्थकों से झड़प, कार्यकर्ताओं ने पूछा क्यों दिया गया टिकट

आज शांतिनगर में आयोजित बीजेपी की प्रचार बैठक के दौरान स्थानीय नेताओं, बीजेपी कार्यकर्ताओं और सांसद पीसी मोहन के बीच तीखी नोकझोंक हुई. कार्यकर्ताओं के आक्रोश के कारण बीजेपी सांसद शांति नगर में प्रचार कार्यक्रम अचानक बीच में ही छोड़कर चले गए. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मोहन ने तीन कार्यकाल में कोई काम नहीं किए हैं, तो उन्हें टिकट क्यों दिया गया है.

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भाजपा सांसद पीसी मोहन की फाइल फोटो.
भाजपा सांसद पीसी मोहन की फाइल फोटो.

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी नेता फुल एक्शन में आ गए हैं. रैलियों और जनसंपर्क में समय दे रहे हैं. मगर, इस बीच कुछ नेताओं का विरोध पार्टी के अन्य नेता और समर्थक कर रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं कर्नाटक की बेंगलुरु सीट से बीजेपी सांसद पीसी मोहन. आज उनके और बीजेपी समर्थकों के बीच शांति नगर में झड़प हो गई. 

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कार्यकर्ताओं के आक्रोश के कारण बीजेपी सांसद शांति नगर में प्रचार कार्यक्रम अचानक बीच में ही छोड़कर चले गए. आज शांतिनगर में आयोजित बीजेपी की प्रचार बैठक के दौरान स्थानीय नेताओं, बीजेपी कार्यकर्ताओं और सांसद पीसी मोहन के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

बीजेपी समर्थकों ने सांसद पीसी मोहन पर तीन बार सांसद चुने जाने के बावजूद कोई काम नहीं करने पर सवाल उठाए. साथ ही भाजपा समर्थकों ने इस बात पर भी निराशा व्यक्त करते हुए उनका विरोध किया कि अपने कार्यकाल में मोहन ने लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान नहीं दिया है. 

यह भी पढ़ें- Karnataka: बीजेपी नेता को नहीं मिला लोकसभा टिकट, समर्थकों ने की आत्महत्या की कोशिश  

सदानंद गौड़ा जैसा पेश करें उदाहरण- कार्यकर्ता

कार्यकर्ताओं ने पीसी मोहन के एक और कार्यकाल के लिए उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उठाया. साथ ही कहा कि यदि उन्होंने उनकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया, तो उन्हें फिर से टिकट क्यों दिया गया है. शांतिनगर के पूर्व नगरसेवक शिवकुमार और भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुले तौर पर अपना असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने सुझाव दिया कि सांसद पीसी मोहन को सदानंद गौड़ा जैसे सेवानिवृत्त नेताओं के उदाहरण का पालन करना चाहिए था. कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच पीसी मोहन कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर कार्यक्रम स्थल से बाहर चले गए. 

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2009 से लगातार तीन बार जीते हैं पीसी मोहन 

बताते चलें कि बेंगलुरु सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र का गठन 2008 में परिसीमन के बाद बनाया गया था. इसके बाद 2009 के आम चुनावों के दौरान बैंगलोर उत्तर और दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से अलग किया गया था. साल 2009 में यहां पहली बार चुनाव हुआ और भाजपा के पीसी मोहन सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे थे. इसके बाद 2014 और 2019 के चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की थी. 

इस बार फिर से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पीसी मोहन पर दांव लगाया है. दक्षिण के इस राज्य में भाजपा की स्थिति लगातार मजबूत होती जा रही है. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में कर्नाटक की 28 में से 25 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी. 

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