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जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे गुलाम नबी आजाद

2014 में उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा नेता जितेंद्र सिंह से हारने के बाद आजाद के लिए यह पहला लोकसभा चुनाव होगा. अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर मोहिउद्दीन ने कहा कि इस मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं हुई है.

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गुलाम नबी आजाद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे (फाइल फोटो)
गुलाम नबी आजाद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. 2022 में कांग्रेस छोड़कर पार्टी के साथ अपने पांच दशकों पुराने रिश्ते को विराम दे दिया था. इसके बाद उन्होंने अपना खुद का राजनीतिक संगठन डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) बनाया.

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डीपीएपी नेता ताज मोहिउद्दीन ने संवाददाताओं से कहा, "आज डीपीएपी की कोर कमेटी की बैठक हुई और हमने फैसला किया है कि (पार्टी अध्यक्ष) गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे."

2014 में उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा नेता जितेंद्र सिंह से हारने के बाद आजाद के लिए यह पहला लोकसभा चुनाव होगा. अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर मोहिउद्दीन ने कहा कि इस मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं हुई है.

उन्होंने कहा, "हमारे पास समय की कमी है और बातचीत में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है. इसलिए बेहतर होगा कि वे अपना काम करें और हम अपना काम करें. उन्हें किसी भी सूरत में अनंतनाग सीट में कोई दिलचस्पी नहीं थी. कश्मीर में अन्य लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का फैसला उचित समय पर किया जाएगा."

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जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में होगा मतदान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर पांच चरणों में चुनाव होगा. सूबे में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होगा. नतीजे 4 जून को आएंगे. जम्मू-कश्मीर की उधमपुर सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. वहीं, जम्मू सीट पर 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. अनंतनाग और राजौरी सीट पर 7 मई को मतदान तय किया गया है. वहीं, श्रीनगर सीट पर 13 मई को वोटिंग होगी. बारामूला सीट पर सबसे आखिर में 20 मई को मतदान तय किया जाएगा.

2014 से 2021 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे 

गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के पूर्व सदस्य रहे हैं. वह 2014 से 2021 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं. गुलाम नबी आजाद 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे. वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री भी थें. उन्होंने 27 अक्टूबर 2005 तक मनमोहन सिंह सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने 26 अगस्त 2022 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्हें सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा 2022 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 

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