पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन पर आरोप है कि वह राज्य नेतृत्व को सूचित किए बिना खुद की सार्वजनिक रैलियां आयोजित कर रहे हैं. इसे लेकर राज्य के कांग्रेस नेता परेशान हैं. क्रिकेटर से नेता बने क्रिकेटर पहले ही बठिंडा में दो रैलियों को संबोधित कर चुके हैं और उनकी होशियारपुर और मोगा में दो और रैलियों को संबोधित करने की योजना है. इन रैलियों को उनके समर्थकों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है, जिनमें से कुछ को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया गया है.
पंजाब कांग्रेस के आधा दर्जन वरिष्ठ नेताओं ने गुटबाजी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. सोमवार को अमृतसर में मीडिया से बात करते हुए पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा, 'अगर कोई कांग्रेस नेता रैली को संबोधित कर रहा है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हर किसी को पार्टी अनुशासन का पालन करना चाहिए, अन्यथा उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. अनुशासन हर पार्टी कार्यकर्ता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है'.
पंजाब कांग्रेस में बन चुके हैं सिद्धू और पीसीसी गुट
राजा वडिंग नाराज दिखे और उन्होंने उस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया, जिसमें सिद्धू ने पार्टी नेताओं पर आम आदमी पार्टी सरकार के साथ 'मिलीभगत' का आरोप लगाया था. सोमवार को अमृतसर में अपने विरोधियों के साथ देखे गए सिद्धू ने किसी नेता का नाम लिए बिना कहा, 'कैप्टन और बादल शासन के दौरान यह 75-25 अनुपात था. अब यह 80:20 है. 100 चोर पंजाब की आवाज नहीं बन सकते. मैं अपने आलोचकों के लिए प्रार्थना करूंगा. मैं किसी समूह से नहीं हूं और न ही किसी के खिलाफ मेरी कोई शिकायत है'. इससे पहले विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने नवजोत सिंह सिद्धू को परिपक्वता दिखाने और निजी दरबार न लगाने की सलाह दी थी.
पंजाब में गठबंधन के पक्ष में नहीं स्थानीय कांग्रेस नेता
नवजोत सिंह सिद्धू के कदमों ने न केवल राज्य के नेताओं को बल्कि पार्टी आलाकमान को भी परेशान कर दिया है. आलाकमान ने इंडिया ब्लॉक और गुटबाजी को लेकर राज्य इकाई में असंतोष की आग को बुझाने के लिए राज्य मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव को भेजा है. वह सोमवार को अमृतसर पहुंचे और स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका. उन्हें सिद्धू समेत सभी गुटों के नेताओं के साथ देखा गया और वह अगले तीन दिन राज्य के नेताओं के साथ बिताएंगे और कई बैठकें करेंगे. देवेन्द्र यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैं यहां राज्य की शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना करने आया हूं. पंजाब में कांग्रेस मजबूत थी और हमेशा मजबूत रहेगी'.
पंजाब कांग्रेस के नेताओं में AAP को लेकर है आक्रोश
नवजोत सिद्धू ने देवेंद्र यादव की जमकर तारीफ की और कहा कि उन्होंने उनकी बात सुनी. अब देवेंद्र यादव सिद्धू के विरोधियों से भी मिलेंगे जिन्होंने कथित अनुशासनहीनता के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. सिद्धू की समानांतर रैलियां एकमात्र मुद्दा नहीं हैं जिसने पंजाब में कांग्रेस नेताओं को नाराज कर दिया है. सबसे बड़ा कारण यह है कि वह यह कहते हुए इंडिया ब्लॉक का पक्ष ले रहे हैं कि यह भाजपा और अकाली दल के खिलाफ है. सिद्धू विरोधी गुट के नेता राज्य में इंडिया ब्लॉक के खिलाफ हैं. विशेष रूप से आम आदमी पार्टी से, जिसे पंजाब में कांग्रेस का दुश्मन माना जा रहा है. भगवंत मान सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद राज्य नेतृत्व में AAP को लेकर काफी आक्रोश है.