भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, लेकिन अबतक दो सीटों पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इनमें से एक सीट रायबरेली और दूसरी है कैसरगंज. एजेंसी के मुताबिक अब इस सीट से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने हो रही देरी के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि टिकट की चिंता मेरी है. आप (मीडिया) लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप लोगों की वजह से मेरी उम्मीदवारी के ऐलान में देरी हो रही है. महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे.
कैसरगंज लोकसभा सीट पर 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होगा, जहां पर बीजेपी ने अी तक अपने कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है.
'मुसलमानों से मिलना और ईद मनाना अपराध नहीं...'
एक अन्य सवाल के जवाब में भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख ने कहा कि मुसलमानों से मिलना और उनके घर जाकर ईद मनाना कोई अपराध नहीं है. मैंने कभी भी धर्म के आधार पर राजनीति नहीं की. उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे हर चीज को राजनीति से न जोड़ें. बृजभूषण ने कहा कि मैं समाज को जाति, धर्म और संप्रदाय के आधार पर बांटकर राजनीति नहीं करता.
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क्यों चर्चा में है कैसरगंज सीट?
कैसरगंज सीट उस समय चर्चा में आई जब यहां से सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने शोषण करने के आरोप लगाए. महिला पहलवानों द्वारा लगाए आरोपों का ये मामला कोर्ट में चल रहा है. यही वजह है कि बीजेपी फिलहाल इस सीट पर प्रत्याशी घोषित करने से बच रही है.
कैसरगंज सीट को लेकर कई तरह की चर्चाएं
जानकारों का कहना है कि चूंकि बृजभूषण पर बीते दिनों महिला ओलंपिक खिलाड़ियों ने आरोप लगाए थे, इसलिए उनका असर पश्चिमी यूपी और हरियाणा की कुछ सीटों पर हो सकता है. इसके अलावा कैसरगंज सीट पर चुनाव भी पांचवें चरण में होना है. इसलिए बीजेपी शुरू के तीन चरणों के मतदान के बाद ही इस सीट पर फैसला करेगी. ऐसा भी हो सकता है कि बीजेपी कैसरंगज से बृजभूषण को एक बार फिर मौका दे दे. चर्चा ये भी है कि बीजेपी कैसरगंज से बृजभूषण की पत्नी को भी मैदान में उतार सकती है.