हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अभिनेत्री कंगना रनौत और कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के बीच तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस नेता विक्रमादित्य ने बिना नाम लिए कंगना पर निशाना साधा था. अब कंगना ने उनपर पलटवार करते हुए राजनीति छोड़ने की बात कही हैं. कंगना ने कांग्रेस नेता को चुनौती देते हुए कहा कि जाइए अपने माता-पिता के नाम के बग़ैर वोट मांगिए. जमानत जब्त न हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी.
विक्रमादित्य ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में कंगना रनौत का बिना नाम लिए हमला बोला था. उन्होंने कहा कि हम सनातनी हैं. हम हिंदू हैं और देव समाज को मानने वाले हैं. सोशल मीडिया पर जिस तरीके की बातें निकल कर सामने आ रही हैं, उन पर हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते. मोहतरमा के जो खान-पीन की चीजें निकल कर सामने आ रही हैं वो हमारी देवभूमि को कलंकित करती हैं. जिन-जिन मंदिरों में वो जा रही हैं, उन मंदिरों में सफाई करने की जरूरत है. इन बातों ने देव समाज और देव नीति के लोगों को आहत की है.
कंगना ने सीएम सुक्खू पर किया वार
विक्रमादित्य के इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने पलटवार करते हुए एक सभा में कहा कि ये जो बात करने का तरीका, ये जो घमंड है. ये तो रावण का भी नहीं रहा था. सीएम सुक्खू कहते हैं एक हीरोइन को लेकर आ रहा है जयराम और एक फ्लॉप फिल्म शूट कर रहा है, अरे सुक्खू जी जयराम ने डंके की चोट पर पांच साल स्थिर सरकार चलाई. पर आपने 15 महीने में दम तोड़ दिया. 4 जून को अपने थिएयर से आपकी सरकार उतरेगी, तब पता चलेगा कि क्या फ्लॉप सरकार होती है और क्या सुपरहिट सरकार होती है.
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मैं राजनीति छोड़ दूंगी: कंगना रनौत
कंगना ने आगे कहा कि अगर मुझे पैसा चाहिए होता तो मैं मुंबई से आती ही नहीं. मेरे मन में जनता की सेवा करने का विचार नहीं होता तो मैं क्यों धक्के खाती. और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर वो है, पर यहां डेढ़-डेढ़, दो फीट के गड्ढे हैं. मैं क्या आपकी और राहुल गांधी की तरह हूं. मैं एक योग्य हूं, मैंने अपने माता-पिता के नाम के बिना पूरी दुनिया में सम्मान पाया है, मैं कोई आपकी तरह निकम्मी नहीं हूं...जाइए अपने माता-पिता के नाम के बग़ैर वोट मांगिए. जमानत जब्त न हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी.
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वहीं, कंगना द्वारा वीरभद्र परिवार पर कुर्सी से चिपके रहने के आरोपों पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जनता ने उनके परिवार को यह आर्शीवाद दिया है, तभी उनके पिता वीरभद्र सिंह 6 बार सीएम बने. यदि उनमें इतनी हिम्मत हैं तो हमारे परिवार पर आरोप लगाने के बजाय पीएम मोदी को भी कुर्सी छोड़ने की बात कहें. पीएम मोदी भी कई सालों तक गुजरात के सीएम रहे हैं और अब 74 वर्ष की उम्र में तीसरी बार पीएम बनने का सपना देख रहें है.